वरिष्ठ पत्रकार राजेश माथुर का गुरुवार को निधन हो गया।
68 वषीय माथुर को पिछले कुछ समय से फेफड़ों में तकलीफ थी। उनके परिवार में दो पुत्र व एक पुत्री है।
20 जनवरी 1940 को उज्जैन में जन्मे राजेश माथुर ने दैनिक नवयुग से पत्रकारिता जीवन की शुरुआत की। 1962 से 1992 तक वे राजस्थान पत्रिका में रहे। इस दौरान उन्होंने मिडलची के नाम से `मझधार में´ कॉलम लिखा। मध्यमवर्ग की समस्याओं पर माथुर का यह कॉलम व्यंग्य पर आधारित था। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में माथुर की कई व्यंग्य रचनाएं प्रकाशित हुई। माथुर को पत्रकारिता के लिए भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार भी मिला।
भड़ास की तरफ से राजेश जी को श्रद्धांजलि।
(साभारः http://shuruwat.blogspot.com/)
68 वषीय माथुर को पिछले कुछ समय से फेफड़ों में तकलीफ थी। उनके परिवार में दो पुत्र व एक पुत्री है।
20 जनवरी 1940 को उज्जैन में जन्मे राजेश माथुर ने दैनिक नवयुग से पत्रकारिता जीवन की शुरुआत की। 1962 से 1992 तक वे राजस्थान पत्रिका में रहे। इस दौरान उन्होंने मिडलची के नाम से `मझधार में´ कॉलम लिखा। मध्यमवर्ग की समस्याओं पर माथुर का यह कॉलम व्यंग्य पर आधारित था। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में माथुर की कई व्यंग्य रचनाएं प्रकाशित हुई। माथुर को पत्रकारिता के लिए भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार भी मिला।
भड़ास की तरफ से राजेश जी को श्रद्धांजलि।
(साभारः http://shuruwat.blogspot.com/)
3 comments:
ईश्वर स्व.राजेश माथुर जी की आत्मा को चिरशान्ति तथा उनके परिवारीजनों को धैर्य प्रदान करे, सारा भड़ास परिवार इस दुःख भरी घड़ी में उनके कष्ट में बराबर का साझेदार है....
ईश्वर स्व.राजेश माथुर जी की आत्मा को शान्ति दे और परिवारीजनों को धैर्य. भड़ास परिवार इस दुःख भरी घड़ी में माथुर परिवार के साथ है.
aap bahut accha likhate hai. ase hi likhate rahie.
Jasvir saurana
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