जैसा की सभी ब्लोग्गर बंधुओं को गंदगी के मोहल्ले में लोटने वाले बदबूदार सूअर और और उसके कुटुंब की कारस्तानियों का पता लग ही चुका है...इस मानसिक विक्षिप्त का किया क्या जाए इसपर विमर्श चल रहा है...अपने वैचारिक विरोधियों को किसी भी कीमत पर जेल भिजवाने की कुत्सित मनोवृत्ति का परिचय देती इस घटिया जान्वाज की कुछ पंक्तियों का मजा आप भी लीजिये....
कठपिंगल has left a new comment on your post "धन्यवाद ब्लोग्गर मित्रों...":
अभी कहां धन्यवाद बेटा। अभी तो दिल्ली पुलिस तुम्हारे ब्लॉग के पन्ने पलटरही है। अभी देखते जाओ, क्या क्या होता है। मेरे बलात्कारी बालक - अभी कुछ दिन में अपने प्यारे घर रहने जाओगे। भले ही ज़मानत पर बाहर आकर फिर गंध मचाओगे। Posted by कठपिंगल to भड़ास at 28/5/08 1:40 PM----------------------------------इससे पहले कठपिंगल ने ये संदेश दिया भड़ास को.....कठपिंगल has left a new comment on your post "कालिया से हुए पत्र व्यवहार का अप्रकाशित अंश.....":
भाई साहब, आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि भड़ास पर रंगभेद का मुक़दमा होने जा रहा है। इस मामले में तीन साल की जेल होती है। जहां जहां कालिया लिखा है - मिटा दीजिए। ये गुप्त सूचना है, सिर्फ़ आपलोगों के लिए।
......क्या मजेदार बात है की सुबह कठपिंगल जी का कमेंट आता है और शाम को ही शिकायती पत्र की धमकी भी मेल द्वारा हमें मिल जाती है....इस बाजारू आदमी की नीचता , इसके संबंधियों की नीचता के बारे में लोग यहाँ वहाँ बेहद रस लेकर हमेशा बातें करते रहे....लेकिन उनको अफवाहों का नतीजा मान लेने का नतीजा लगता है...मुझे भी भुगतना ही पड़ेगा....
इस नीच की कुत्सित मनोवृति को दुनिया के सामने लाने के अलावा किसी को कुछ नही करना चाहिए...मेरे बार-बार मना करने और बुरी तरह बेइज्जत करने के बावजूद ये घटिया जानवर मुझे मेल करने में तुला है....भगवान् इस घटिया आदमी से बचने का कोई तरीका है किसी के पास....
(उम्मीद करता हूँ...अपनी पर्याप्त बेइज्जती करवाने, अपनी पत्नी और परिवारिजनों के सुंदर चरित्र? को चौराहे पर लाने के बाद भी अगर कुछ विवेक बचा होगा तोः येः नासूर ब्लॉग जगत के साथ मुझे भी अपनी घटिया और घिनौनी हरकतों से दूर रखेगा)....इन्ही उम्मीदों के साथ...प्रिया मित्र अभिषेक, विकास परिहार जी, सुरेश गुप्ता जी, और दुसरे दुखी ब्लोग्गर साथियों से माफ़ी मांगता हूँ....साथ येः प्रार्थना भी अभी अगले एक सप्ताह तक कोई ब्लॉगसमूह न चेअक करें.....शायद उसके बाद इनपर कुछ बेहतर मिल सके....क्यूंकि मानसिक विक्षिप्त जिसे किसी अस्पताल में होना चाहिए..अभी ब्लॉग जगत में है....जाहिर है...उथल-पुथल तोः मचेगी....लेकिन इसका भी हल निकला ही जायेगा....
आप सबका
हृदयेंद्र
(नीच जानवर....बस कर...यही कह सकता हूँ)....
29.5.08
इस मानसिक विक्षिप्त से ब्लॉग जगत को कौन बचायेगा...
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1 comment:
हृदयेंद्र भाई,
बस अब बहुत हो गया. ब्लोग से जाने की बारी आ गयी है इन महाशय की. अन्तिम संस्कार की तैयारी शुरू कीजिए. इन से ब्लोग को बचने की जरूरत ही नहीं है क्योँ की अब ये अपने आप ब्लोग से तिलान्जलित हो जायेंगे.
जय जय भडास
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