भड़ासी साथियों क्या कालिया को नहीं मालूम कि रंगभेदी टिप्पणियों का मतलब क्या होता है। उसे यह मालूम होना चाहिए कि इस तरह की टिप्पणियां हिंदुस्तान में नहीं चलती है। हम हिंदुस्तानी एक नस्ल के हैं और यह कालिया किस नस्ल का है, शायद इसे खुद भी नहीं पता। इसलिए यह रंगभेदी टिप्पणियों जैसे आरोपों को थाने तक ले गया है। अभी तक तो हिंदुस्तान में नस्लीय टिप्पणियां ही थाने तक जाती रही हैं, लेकिन जिस तरह से भड़ास में अविनाश की रंगभेद को लेकर रिपोटॆ डाली गई है, यह सिफॆ एक गीदड़भभकी है। इस तरह से यह साबित हो गया है कि कालिया सिफॆ चाटुकारिता जनॆलिस्ट है। अब तक के इसके कैरियर को देखा जाए तो इसने जितना काम किया, उससे ज्यादा अपनी बदनामी करा डाली।
कालिया को संदेश
कंककककककक कालिया भाई कुछ भी कहो जैसा नाम वैसा काम मैने सुना था कि आदमी को अगर अपने ऊपर लगे पापो के बोझ को हलका करना हो तो उसे कुछ अछे करम भी करने चाहिए लेकिन इस कालिए के तो इतने भायानक करम है पता नहीं अब ये ऊंट किस करवट बैठेगा और किसको अपना शिकार बनाएगा।
लुधियाना से अमरदीप गुप्ता व आलोक सिंह रघुवंशी
29.5.08
आखिर किस रंग का है कालिया
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
भाई,
चोरी से पास हुआ, चोरी से शादी की, मुझे लगता है की चोरी से ही पैदा भी हुआ है, बिहार में आम बोलचाल में कहते हैं की ससुरे कुछो नहीं बने तो पत्रकार बन गए और ये उस श्रेणी का अग्रणी पत्रकार है. सही और सच्चे अर्थों में इसे पत्रकारिता और पत्रकार की परिभाषा तक का पता नहीं है. खानदानी तेल लगाने की कला का माहिर ये कलुआ तेल लगता रहेगा, जब तक तेल के प्रिय लोग पत्रकारिता जगत में है. एक वचन हो कर इस का बहिष्कार करो और वापस इसे डी एम् सी एच के सूअरों की साथ हगने भेज दो. नहीं तो सब जगह ये हग हग कर बदबू फैलाता रहेगा.
Post a Comment