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25.5.08

सेक्स क्या पर गूगल का प्रतिबंध

मैं यह पोस्ट लिखना नहीं चाह रहा था लेकिन कुछ लोगों ने कहा इस लिये इस पोस्ट के माध्यम से मैं आपके बीच आया हूं. दरअसल सेक्स क्या (http://sexkya.blogspot.com/) चिट्ठे की लोकप्रियता से जलकर कुछ लोगों ने गूगल को यह रिपोर्ट कर दी है कि सेक्स क्या नामक चिट्ठे में आपत्तिजनक सामग्री है. और उस आधार पर गूगल द्वारा इस चिट्ठे पर बैरियर लगा दिया गया है. अब इसको खोलने से पहले content warnig आती है और फिर टर्म व सर्विस का हवाला देते हुए पूछा जाता है कि इस खोला जाय या नहीं. मैं फिर भी उन पाठकों का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इसके बाद ही इस चिट्ठे पर लगातार आकर मेरा संबल बढ़ाते रहे. लेकिन अब मैं इस चिट्ठे को एक बार पाठकों पर ही छोड़ना चाह रहा हूं और मेरा प्रश्न यह है कि क्या इस चिट्ठे में आपत्तिजनक सामग्री है. यदि हां तो उन महान पाठकों को जिन्हे सेक्स क्या की सामग्री आपत्तिजनक लगी उन्हे http://mustram-musafir.blogspot.com/ या इस जैसे ब्लागों की सामग्री में कोई आपत्तिजनक स्थिति नजर नहीं आई या फिर शायद इस जैसे व्लागों को वे अपने परिवार के साथ बैठ कर पढ़ सकते हैं. क्षमा चाहूंगा मैं कुछ ज्यादा बोल या लिख गया लेकिन मैं उस महान पाठक के बारे जानने की जरूर इच्छा रखता हूं जिसे सेक्स क्या आपत्तिजनक लगा और वे गूगल दरबार में पहुंच गये. मैं ब्लाग जगत के सभी लोगों से राय मांग रहा हूं कि क्या इस सेक्स क्या नामक चिट्ठे को बंद कर देना चाहिये जिसमें इतनी आपत्तिजनक सामग्री है. यदि नहीं तो क्या वे मेरी मदद कर सकते हैं ताकि सेक्स क्या में लगा बैरियर हट सके. साथ ही मैं आभारी रहूंगा यदि को मूझे यह बता देगा कि गूगल तक शिकायत किसने पहुंचाई.

साथ ही मैं चाहूंगा कि मेरे इस लेख में कमेंट दें जिससे मेरा संबल बढ़ सके तथा विघ्नसंतोषियों का हौसला पस्त हो सके.


8 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

भाईसाहब,ये तो हमेशा से होता आया है कि अच्छे लोगों को शुरू में काफ़ी सताया जाता है लेकिन आप इन गदहा बुद्धि लोगों की परवाह मत करिये इन्ही दुष्टों को तो मेरा ब्लाग"आयुषवेद" भी अश्लील दिखता है। बस इनकी परवाह मत करिये और गूगल बाबा से पत्रव्यवहार करिये सब ठीक हो जाएगा...
जय जय भड़ास

rajendra said...

ye galat hua. kon hai ye sirfire

Anonymous said...

अरे बंधू,

लोगों कि असुविधा और असहजता आपका ब्लोग नहीं बल्कि उसकी लोकप्रियता हो सकती है, सो आप इनकी फिक्र ना करते हुए अपने कार्य में लगे रहें. आगे रुपेश भाई ने सलाह दी ही है. जब लोगों को "आयुषवेद" पर एतराज हो सकता है तो खैर आप अपने लेखन को जारी रखिये.

जय जय भडास

VARUN ROY said...

रजनीश भाई और रूपेश भाई ने बिल्कुल सही कहा. अगर आप को लगता है कि आपका ब्लॉग एक अच्छे मकसद के लिए है तो किसी बात की परवाह किए बिना अपना सफर जारी रखिये . ईश्वर आपकी मदद करेंगे.
वरुण राय

श्री. स्वर्गवासी................ said...

लाईफ मै टेंशन नही लेने का, टेंशन देने का.....!!!!!!

PositiveGems said...

आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने इतना अच्छा ब्लॉग लिखा...1 दिन में कितनी बार करना चाहिए?

Omni Ayurveda said...

Great tips! Will definitely try, Thanks for sharing!

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moodcare said...

Thank you for your valuable contribution to our blog! 🙏 Your insightful comments add depth and perspective to our discussions, enriching the community. We appreciate your engagement and look forward to more meaningful interactions in the future.
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