दोस्तों, अविनाश दास की तानाशाही और अलोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ भड़ास गांधीगीरी शुरू कर रहा है। अभी यह गांधीगीरी आनलाइन तरीके से की जाएगी। इसके बाद के चरण में आफलाइन तरीका अख्तियार करा जाएगा। हमें एनडीटीवी प्रबंधन के विवेक पर भरोसा है, इसलिए शुरुवात में मैंने इस चैनल के चेयरमैंन और निदेशक प्रणय राय और निदेशिका राधिका राय को मेल भेजा है। असंपादित मेल नीचे है। आप भी इस मेल के कंटेंट को उठाकर और आपको जो महसूस होता हो, उसे लिखकर प्रणय और राधिका को भेजें।
कम से कम 315 मेल तो जानी ही चाहिए।
प्रणय और राधिका की मेल आईडी क्रमशः इस तरह है.....
prannoy@ndtv.com और rroy@ndtv.com
जय भड़ास...यशवंत
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from
Yashwant Singh yashwantdelhi@gmail.com
to
prannoy@ndtv.com
cc
rroy@ndtv.com
date
29 May 2008 17:10
subject
Complain of Avinash Das, a epmployee of NDTV India news channel
mailed-by
gmail.com
श्रीमान प्रणय राय जी
चेयरमैंन और निदेशक
एनडीटीवी
महोदय,
एनडीटीवी इंडिया हिंदी न्यूज चैनल में कार्यरत अविनाश दास नामक सज्जन लगातार अपने स्वार्थ में एनडीटीवी के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे न सिर्फ एनडीटीवी के नाम से हिंदी के ढेर सारे पत्रकारों और ब्लागरों को धमका रहे हैं, बल्कि एनडीटीवी के बैनर के इस्तेमाल की धमकी देते हुए जेल भिजवाने की बात कर रहे हैं।
दुनिया के सबसे बड़े हिंदी ब्लाग भड़ास http://bhadas.blogspot.com/ के मुख्य माडरेटर यशवंत सिंह के चरित्र और व्यक्तित्व को नीचा दिखाने के लिए वे लगातार अपने ब्लाग पर झूठी रिपोर्टें और मनगढ़ंत कहानियां प्रकाशित कर रहे हैं। ऐसा वो पहले भी कर चुके हैं और आज भी कर रहे हैं। जब उनके आरोपों का जवाब भड़ास के सदस्यों ने दिया तो वे उन्हें जेल भेजने के लिए एनडीटीवी के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सबूत के तौर पर नीचे वो मेल है जिसे अविनाश ने भड़ास के पांच सदस्यों को भेजा है और मेल के अंत में खुद को बजाय अपने ब्लाग मोहल्ला का माडरेटर बताने के, एनडीटीवी का एडीटर बताया है।
ऐसा नहीं है कि अविनाश ने ये पहली बार किया हो, वो पहले भी कई पत्रकार लड़के लड़कियों को एनडीटीवी में नौकरी दिलाने के नाम पर अपने ब्लाग से जुड़ने और लिखने को मजबूर करते रहे हैं। उन्होंने ऐसे ही काम अतीत के संस्थान प्रभात खबर में रांची, पटना और देवघर रहते हुए किए हैं। वहां उन्होंने न सिर्फ घपले किए बल्कि कई महिलाओं के इज्जत से खिलवाड़ का भी उन पर आरोप रहे हैं। इसके सबूत के तौर पर मेरे पास कई मेल हैं जो खुद अविनाश के पुराने साथियों ने भेजे हैं।
महोदय, हिंदी मीडिया के बौद्धिक लोगों को नीचा दिखाना और खुद को महान साबित करने के वास्ते अविनाश ने समय समय पर अपने ब्लाग पर अभियान चलाया है। इस अभियान में उन्होंने एनडीटीवी में खुद के होने का फायदा उठाते हुए लोगों को बार बार धमकाया है। इससे लोगों में अविनाश के साथ साथ एनडीटीवी की छवि को लेकर भी नकारात्मक सोच बनने लगी है।
एक ताजा मामले में उन्होंने भड़ास के मुख्य माडरेटर यशवंत सिंह के चरित्र को लेकर मीडिया ट्रायल की ही तरह अपने ब्लाग पर ब्लाग ट्रायल चलाते उन्हें बलात्कारी घोषित कर दिया। क्या एनडीटीवी ने अविनाश को यह अधिकार दिया है कि वो किसी की भी इज्जत के साथ खिलवाड़ कर उसे नीचा दिखा सकें।
अब जबकि पानी सिर से उपर बह चुका है और अविनाश दास एनडीटीवी के बैनर के जरिए लगातार आम हिंदी पत्रकारों और ब्लागरों को उत्पीड़ित कर रहे हैं, उनके चरित्र पर दाग लगा रहे हैं, ऐसी स्थिति में अविनाश के खिलाफ मानहानि के दावे के बारे में हम लोग गंभीरता से सोच रहे हैं।
पर उससे पहले हम चाहते हैं कि आप जैसे प्रबुद्ध व्यक्ति के सामने इस मामले को लाया जाए ताकि आप उचित निर्णय लेकर एनडीटीवी की निष्पक्ष और सकारात्मक छवि को हिंदी समाज के बीच और मजबूती प्रदान कर सकें।
आप से अनुरोध है कि इस व्यक्ति के अतीत से लेकर वर्तमान तक के क्रियाकलापों का जांच कराएं और उचित कार्रवाई करें अन्यथा मजबूरन हमलोगों को कोर्ट और धरने जैसी कार्रवाइयों का सहारा लेना पड़ सकता है।
महोदय, एनडीटीवी की जो इमेज पूरे देश में है, वो बेहद निष्पक्ष और लोकतांत्रिक है। हम इस निष्पक्ष बैनर की साख के चलते ही आपके दरवाजे पर आए हैं।
हमें आपसे न्याय की उम्मीद है।
यशवंत सिंह
मुख्य माडरेटर
भड़ास ब्लाग
पुनश्च......
नीचे ये मेल वो है जिसे अविनाश ने पांच ब्लागरों को भेजा है और अपना परिचय एनडीटीवी के एडीटर के रूप में दिया है ताकि पुलिस इनके प्रभाव में आ सके.....। इस मेल की मूल कापी मेरे पास सुरक्षित है। अगर आप हमें समय दें तो हम पूरे मामले के बारे में आपको विस्तार से बता सकें। हालांकि लोगों का कहना है कि आप किसी बाहरी व्यक्ति से मिलते नहीं पर हमें विश्वास है कि आप एनडीटीवी की साख से जुड़े एक सवाल पर जरूर हम लोगों को सुनेंगे।
यशवंत
अविनाश द्वारा प्रेषित मेल
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---------- Forwarded message ----------
From: avinash das avinashonly@gmail.com
Date: 28 May 2008 19:00
Subject: Complain of a Blogger Community
To: Yashwantdelhi@gmail.com, hridayendra singh <singh.hridayendra@gmail.com>, rudrakshanathshrivastava7@gmail.com, manish_rj@yahoo.com, rajneeshjha@gmail.com
श्रीमान,
मैं हिंदी का एक आम ब्लॉगर हूं। पिछले दिनों बलात्कार के एक आरोपी के बारे में जब मैंने अपने ब्लॉग पर लिखा - http://mohalla.blogspot.com/2008/05/blog-post_25.html - उसके बाद इस आरोपी ने अपने कम्युनिटी ब्लॉग पर अपने और अपने साथियों के माध्यम से मुझ पर हमले तेज़ कर दिये। ये हमला निजी तौर पर चरित्रहनन से लेकर रंगभेदी टिप्पणियों के रूप में किये जा रहे हैं। हमारे ब्लॉग पर भी कई नामों से ये ऐसी टिप्पणियां कर रहे हैं, जिनके आईपी एड्रेस एक हैं। मैं कुछ लिंक आपको भेज रहा हूं।
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_44.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_26.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_8226.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_62.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/kaala-kaarnaama-kaaliya-ka-antim-bhag.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_3239.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_7086.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_5422.html
http://bhadas.blogspot.com/2008/05/blog-post_9886.html
ये और इनके साथी जिस आईपी एड्रेसेज़ का इस्तेमाल करते हैं - वे हैं 220.226.32.64 और 61.12.30.18 और 59.180.132.85
मेरी दिल्ली पुलिस से गुज़ारिश है कि मेरी शिक़ायत विधिवत रूप से दर्ज करें और उचित कार्रवाई करके मुझे राहत पहुंचाएं।
भवदीय,
अविनाश
आउटपुट एडिटर, एनडीटीवी इंडिया
अर्चना कांप्लैक्स, ग्रेटर कैलाश पार्ट वन
नई दिल्ली
29.5.08
भड़ास की गांधीगीरी शुरूः प्रणय राय और राधिका राय को पत्र
Posted by यशवंत सिंह yashwant singh
Labels: अविनाश, कालिया, प्रणय राय, ब्लाग, राधिका राय, शिकायती पत्र
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2 comments:
दादा, इस प्यार के रास्ते पर हम लोग भी सब साथ चलेंगे सारी परेशानियां उठाने के लिये आप क्यों महान बनकर अकेले चल पड़ते हैं,हम सबको भी उतना ही हक है भड़ास के लिये बलिदान करने का जितना कि आपको है,हम सब जेल चलेंगे आपके साथ अगर ndtv ने अविनाश नामक इस व्यक्ति को अपना बैनर इस्तेमाल करके लोगों को धमकाने की छूट दे रखी है तो ये ही सही हम भी इस बात को सहन करके दिखा देंगे कि विरोध का गांधी जी का तरीका कभी भी समयबाह्य नहीं होगा तो जै भड़ास जै हो बापू की.......
दद्दा,
महान वहान बनने का खेल खतम। वैसै भी ये कलुअ का गिदर-भभकी मात्रा है, इस साले के जात को मैं जानता हू। आपकी शराफ़त का नाजायज़ फ़यदा उठा रहा है मेरे ओर रुपेश भाई की तरह कमीने बन जओ तो ये ससुरा अपनी बीबी के साया मे जा के नुका जायेगा।
जै जै भडास का उदघोश करो बस
जै जै भडास
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