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28.5.08

भड़ासियों को जेल में डलवाने की साजिश रच रहा है अविनाश

सबसे बड़ा ब्लाग और सबसे बड़ा ब्लागर बनने की हसरत पाले अविनाश हर वो हथकंडे आजमाने में जुटा है जिससे भड़ासियों का मनोबल तोड़ा जा सके और इनकी एकजुटता को ध्वस्त किया जा सके। शायद ऐसी मिसाल दुनिया के किसी देश में न हो जिसमें एक ब्लागर दूसरे ब्लागर को नीचा दिखाने के लिए पुलिस के साथ मिलकर कुचक्र रचे। कभी भड़ास और इसकी भदेस भाषा के समर्थन में हर जगह पैरोकारी करने वाले, लेख लिखने वाले, टीवी पर रिपोर्ट दिखाने वाले अविनाश अब इस ब्लाग के सबसे बड़ा ब्लाग हो जाने के बाद से परेशान हैं। इसी के बाद से उन्हें पेचिश उठी है, और उस स्थिति में उन्होंने.....

--कुछ महीनों पहले पहली बार उन्होंने भड़ास पर पाबंदी लगाने के लिए गूगल को मेल भेजो अभियान चलाया, पर उसका मुखर विरोध कर भड़ासियों ने ध्वस्त कर दिया

-इसी के तहत उन्होंने मेरे चरित्र और व्यक्तित्व के खिलाफ एकतरफा तरीके से अभियान चलाते हुए बलात्कारी, शैतान और न जाने क्या क्या होने का फैसला सुना दिया। पूरा का पूरा ब्लाग ट्रायल कर डाला। और यह ट्रायल अब भी चला रहा है। हम इसका जी जान से विरोध करते रहेंगे।

-इसी के तहत भड़ासियों को जेल में डलवाने के लिए आज पुलिस के साथ मिलकर कुचक्र रच रंहा है अविनाश। तभी इस कठपिंगल की तरफ से भड़ास को संदेश भेजा गया है कि दिल्ली पुलिस इस ब्लाग की फाइलें पलट रही है और जल्द ही हम भड़ासी जेल में होंगे।

यकीन न हो तो कठपिंगल का ये संदेश पढ़ लीजिए....



कठपिंगल has left a new comment on your post "धन्यवाद ब्लोग्गर मित्रों...":

अभी कहां धन्‍यवाद बेटा। अभी तो दिल्‍ली पुलिस तुम्‍हारे ब्‍लॉग के पन्‍ने पलट
रही है। अभी देखते जाओ, क्‍या क्‍या होता है। मेरे बलात्‍कारी बालक - अभी कुछ दिन में अपने प्‍यारे घर रहने जाओगे। भले ही ज़मानत पर बाहर आकर फिर गंध मचाओगे।
Posted by कठपिंगल to भड़ास at 28/5/08 1:40 PM


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इससे पहले कठपिंगल ने ये संदेश दिया भड़ास को.....

कठपिंगल has left a new comment on your post "कालिया से हुए पत्र व्यवहार का अप्रकाशित अंश.....":

भाई साहब, आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि भड़ास पर रंगभेद का मुक़दमा होने जा रहा है। इस मामले में तीन साल की जेल होती है। जहां जहां कालिया लिखा है - मिटा दीजिए। ये गुप्‍त सूचना है, सिर्फ़ आपलोगों के लिए।
Posted by कठपिंगल to भड़ास at 28/5/08 10:54 AM
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तो भई कठपिंगल, जाकर उन लोगों को भी खबर कर दो कि यशवंत तैयार बैठा है जेल जाने के लिए। लेकिन जेल अकेले नहीं जाएंगे। जाएंगे तो उसके बाद अविनाश बाबू भी जाएंगे क्योंकि उन्होंने जो मानहानि की है और कर रहे हैं, उसकी कीमत वो जिंदगी भर चुकाएंगे, सिर्फ एक बार जेल जाकर नहीं। दूसरे, बोलने की आजादी सिर्फ उसी को नहीं मिली है जो वो जो चाहे लिखे और बाकी लोग उसके डर से चुप रहें। यह आजादी सबको है। अगर वो अपने हिप्पोक्रेट तरीके से किसी को फंसाने, धंसाने, डराने, गिराने, भगाने, बदनाम करने में लगा है तो कोई खुलकर उसके इन साजिशों का विरोध कर रहा है।


दूसरे, हम भड़ासी तुम्हारी गीदड़ धमकियों को किसी तरह लेते हैं, इसका सटीक जवाब डा. रूपेश और हृदयेंद्र ने दे दिया है। लो पढ़ लो.....


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डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) has left a new comment on your post "धन्यवाद ब्लोग्गर मित्रों...":

यार मैं तो सोचता था कि ये बड़ा शातिर आदमी है लेकिन ई तो ससुरा एकदम्मै
छुद्दुर निकला,पोलिस का नाम लेकर डरा रहा है। अबे चिरकुट,फ़टहे,फ़टी मुर्गी की पैदाइश
एक काम कर मेरी जितनी पोस्ट हैं उन्हें उठा और देश के हर पुलिस स्टेशन में शिकायत
दर्ज करवा दे कि मैंने तुझे भून कर खा जाने की कसम खाई है और बता कि तुझे कौन कौन सी गालियां लिखूं कि तू उनका प्रिंट आउट निकाल कर शिकायत कर सके? अब बिल में घुस कर अपने जैसे लोगों से गांड मरवा कर थोड़ा ताकत उधार ले लेना ताकि मुझसे मुखातिब हो कर बात कर सके.... और अगर सामने आने की ताकत हो तो मैं तो घोषित बुरा आदमी हूं, चल ब्लागिंग छोड़ कर पहले तेरी बजाता हूं फिर बाद में ब्लागिंग करूंगा... याद आया मैं वो हूं जिसने ब्लागवाणी को लौड़े पर मार दिया था.... हाथ पैर की लड़ाई लड़ना हो तो यशवंत दादा से नहीं मुझसे लड़ तो पता चलेगा कि कितना दम है,वरना कलम बहादुर बन कर बकरचुद्दई करना बंद कर... रही बात बदनाम करने की तो मैंने आज तक नाम की बात ही नहीं करी बदनामी-नेकनामी से मेरा रिश्ता नहीं है बस जो अच्छा लगा उसका हो लिया और जो बुरा लगा उसको साइड कर दिया लेकिन मुंह लगा तो उसकी गांड में सरसों की खेती करने से पीछे नहीं हटा... याद रखना कि मैं नंगा ही पैदा हुआ था और आज तक आचरण में नंगा हूं, अगर नंगई का खेल खेलना है तो मुझसे खेल बच्चे....
जय जय भड़ास

Posted by डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) to भड़ास at 28/5/08 5:34 PM



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हृदयेंद्र प्रताप सिंह has left a new comment on your post "धन्यवाद ब्लोग्गर मित्रों...":

aaj subah se hansa nahi tha...khair beta tumne muje hasne ka mauka diya....beta apne pita ke saath kaise pesh aatey hain..iska to khayal rakho...aur police se tum daro kyunki tumhara itihaas raha hai...kaale kaarnaame karne ka....yahan..sabkuch saaf suthra aur seedha hai...to police ka dar bhi nahi...aur waise bhi police shreefon ko tang nahi karti..abhi tak mere asie hi vichaar hai...police ka naam lekar dhmkaana apne chelon ko beta ye bihaar nahi delhi hai..kitni baar batau tuje...bacche mere...abhi bhi waqt hai kisi maansik aspataal me jaakar apna ilaaj karwa lo beta...gareeb ho muje maloom hai..paise main deta hun...aur haan..delhi police ka naara hai..with u, for u always...bhale logon ke saath hamesha police hai...meri chinta ka shukriya neech...apni chinta kar...police ke naam ka beja istemaal karke dhamkana bhi apraadh ki hi shreni me aata hoga...hai naa..



neech bhediye..ek baat aur



...yeah apne msg box me..jo shan se ip adress likhe hain...aur jaisa ki apni neech soch key chaltey sabko khud jaisa samajhtey ho...uspar daya hi aa rahi hai...yeah gumnaam aur badnaam mail tumhare hi khandaaniyon ki hain...itna kamjor nahi hun...tumhari tarah galat naam se dusaron ko gaaliyaan dun..aur ek baat phir...roj chain ki neend sota hun...isliye ki sabkuch jaayaj aur sahi karta hun...samjhey munnu beta....ab papa ko tang mat karna... papa kaam kar rahe hain..


Posted by हृदयेंद्र प्रताप सिंह to भड़ास at 28/5/08 4:58 PM



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सुन लिया कठपिंगल, सुन लिया अविनाश.......

तू जेल भिजवा, शान से जेल जाऊंगा मैं, बतौर मुख्य माडरेटर मैं अकेले जेल जाऊंगा और जेल की चक्की पीसूंगा। पर तुम ये न समझना कि उसके बाद चैन से अपना जीवन काटते रहोगे और बांसुरी बजाते रहोगे और पिंगल गाते रहोगे। हम तो मरेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे.....

जैसे निपटना चाहतो हो निपट सकते हो, खुली चुनौती है.....ब्लागिंग के स्तर पर, हरमजदगई के स्तर पर, कानूनी स्तर पर, सड़क के स्तर पर......तू जैसा करेगा, पीछे पीछे हम दो कदम आगे जाकर वैसा ही करेंगे, ये पक्का वादा है..

जय भड़ास
यशवंत

5 comments:

Anonymous said...

BHAI YASWANT JE KO PINKCITY JAIPUR SE SANJAY KA NASMAKAR
BHAI BLOG KE DUNIYA MAIN NAYA HU
KAI DINO SE PADH RAHR HU B4M KE LIYE BADHAI
AAP KAYO APPNA TIME WEST KAR RAHE HO AAP ACCHA LIKETE HO
HUM CHAATE HA AAP KUCH CRETATIVE WORK KARE
SANJAY, PINKCITY

Anonymous said...

BHAI YASWANT JE KO PINKCITY JAIPUR SE SANJAY KA NASMAKAR
BHAI BLOG KE DUNIYA MAIN NAYA HU
KAI DINO SE PADH RAHR HU B4M KE LIYE BADHAI
AAP KAYO APPNA TIME WEST KAR RAHE HO AAP ACCHA LIKETE HO
HUM CHAATE HA AAP KUCH CRETATIVE WORK KARE
SANJAY, PINKCITY

naradwani said...

BHAI YASWANT JE KO PINKCITY JAIPUR SE SANJAY KA NASMAKAR
BHAI BLOG KE DUNIYA MAIN NAYA HU
KAI DINO SE PADH RAHR HU B4M KE LIYE BADHAI
AAP KAYO APPNA TIME WEST KAR RAHE HO AAP ACCHA LIKETE HO
HUM CHAATE HA AAP KUCH CRETATIVE WORK KARE
SANJAY, PINKCITY

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

दादा,लगता है कि इसने आज तक कभी पुलिस स्टेशन का मुंह नहीं देखा है और न ही इसे भारतीय कानून की जानकारी है। इसे ये नहीं मालुम कि भड़ास वो ब्लाग है जिसने जस्टिस सिंह के मामले को उठाया था। बालक है अभी इसे ये नहीं पता कि भारतीय संविधान में रंगभेद से संबंधित कोई कानून नहीं है दूसरी बात आपको बलात्कार का आरोपी बता रहा है तो जिस सेक्शन के तहत इन भड़वों ने अपने रसूख और भ्रष्टाचार का सहारा लेकर मामला दर्ज करा पाया है वो बलात्कार का या बलात्कार के प्रयास का भी नहीं है। ये दुष्ट अगर इतना ही माहिर समझता है तो मेरे खिलाफ़ मामले दर्ज कराए और मैं डा.रूपेश श्रीवास्तव इसे दुनिया के सबसे बड़े हिंदी के ब्लाग के मंच पर बिना किसी लागलपेट के खुली चुनौती देता हूं कि आओ प्यारे ब्लागिंग छोड़ो और मुकदमा-मुकदमा खेलते हैं तुम मेरे ऊपर फ़र्जी मामले दर्ज करवाओ और मैं भी तुम्हारे पीछे पड़ता हूं। फिर एक बार कह रहा हूं कि अविनाश अभी तो तुम सिर्फ़ यशवंत दादा से उलझ रहे हो मैं कहता हूं कि उनका तो दिल बहुत नर्म है वो चार दिन बाद खुद ही कहने लगेंगे कि चलो जाने दो यार बहुत हो गया कीचड़ उछालना अब कुछ रचनात्मक करते हैं,लेकिन मैं दिलजला हूं तुमको आमंत्रित कर रहा हूं कि मेरे खिलाफ़ भारत की किसी भी अदालत में मुकदमा चलवा लो और फिर मजा लो जिन्दगी का ,ध्यान रखना इसे धमकी या और ऐसे ही किसी सड़े हुए शब्द से मत आंकना..... अपना न जोरू न जांता खुदा से नाता, घर में रहे या जेल में एक जैसा है उधर भी मरीजों का इलाज ही करेंगे और तुम से ज्यादा जेल के अंदर कमाएंगे नाम और पैसा, बाहर आकर ख्याति भी लेकिन तु्म्हें भीख भी नहीं मिलेगी अगर एक बार भी अंदर गए तो..... अब तक तो ये बात सिर्फ़ यशवंत दादा से कही थी आज तुम्हे भी बताता हूं कि न मुझे पैसा चाहिये न प्रसिद्धि और न ही शान्ति... इस लिये बस एक बात कि दूर रहो लेकिन अगर तुम्हारा अहंकार तुम्हें मिटाने पर ही तुला है और तुम चाहते हो कि तुम्हारी हरकतों का दुष्परिणाम परिवार को नाहक ही भुगतना पड़े तो तुम हमें सताना जारी रखो और देखो कि क्या-क्या हो सकता है तुम्हारे अनुमान से कहीं बहुत आगे... अब बस करो और बाज़ आओ वरना हमारा उत्तर तुम्हें जीवन भर रुलाएगा.... अगर चाहो तो पुलिस के साथ अपने परिवार से भी सलाह मशविरा कर लो....

Anonymous said...

दादा,
अब तो ये साबित हो गया की ये तेल लगाऊ पत्रकार से ज्यादा नहीं है. सच में इसे आता-वाता कुछ नहीं है मगर तेल लगाने की कला का माहिर अपने इस कला से जीविकोपार्जन तो कर ही रहा है. चुतिया डरा रहा है पुलिस से, ससुरे अविनाश तुम जहाँ से आये हो वहीं के हम भी हैं और इस मुगालते मैं मत रहना की पुलिस,कोर्ट,कचहरी,जेल से भडासी को डरा दोगे. बेटा तुम लाला हो और तुम्हारी औकात मैं जानता हूँ और मैं झा हूँ जिस से तुम अपरिचित नहीं हो. रुपेश भाई की खुली चुनौती स्वीकार करो. और तुम्हारे जले पे नमक लगाने को भडास और यशवंत शिखर पर ही रहेगा. तुम दूसरो का मुठियाते रहो.
रही बात तकनीकी चक्र में डालने की तो बेटा ये भडास है और यहाँ तुम्हारे टाइप के चवन्नी छाप पत्रकार ही नहीं हैं, चुतिये की चौथी जमात की छिले हुए बन्दर यहाँ जितने पत्रकार हैं उसी अनुपात में अभियंता भी जो कम्पूटर पर ही टिकिर टिकिर करते हैं सो इस चुतियापे से अपने चेले चपाटी को डरना जिसको तुम कम्पूटर और ब्लोग सीखते हो.

शिखर पर भडास और यशवंत
जय जय यशवंत.
जय जय भडास