Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

15.5.08

नित नहाने का शुरू जो सिलसिला जाएगा

हास्य-गजल
नित नहाने का शुरू जो सिलसिला जाएगा
देख लेना एक दिन तू पिलपिला हो जाएगा
धूल-धक्कड़ से सना जूतेनुमा चेहरा तेरा
भूल से भी धो लिया तो गिलगिला हो जाएगा
लेना मत पंगा कभी तू यार थानेदार से
एक मंजिल का बदन चौमंजिला हो जाएगा
इश्क का चक्कर तेरी बीवी को ना मालुम हो
वरना पंडित सिर तेरा खंडित किला हो जाएगा
घौंटकर रिश्वत के घोटालों में तू चारा मिला
बढ़के सर्किल तौंद का पूरा जिला हो जाएगा
पूछता है कॉलेजों में कौन अब टेलेंट को
फेंक डोनेशन फटाफट दाखिला हो जाएगा
भाषणों को मंत्रियों के तू समझ बस चुटकुले
चुटकियों में दूर तेरा हर गिला हो जाएगा
कर न लेना प्यारे नीरव नर्स से यारी कभी
वरना दुश्मन डॉक्टरों का काफिला हो जाएगा।
पं. सुरेश नीरव
मो.९८१०२४३९६६
(बलराम दुबे, वरुण राय,रजनीश के, झा का प्रतिक्रिया हेतु आभार।)

7 comments:

Anonymous said...

भाषणों को मंत्रियों के तू समझ बस चुटकुले
चुटकियों में दूर तेरा हर गिला हो जाएगा

पंडित जी,
प्रणाम.
वाह वाह कमाल का है ये. सच में मजा आ गया. वैसे डॉक्टर साब से पंगा तो मैं भी नहीं ले सकता वैसे डॉक्टर साब की नर्सें मुझे भी पसंद हैं ;-)

जय जय भडास

Ankit Mathur said...

पं० जी काफ़ी उम्दा कविता है। मन प्रसन्न हो गया
पढ कर.

Arvind pathik said...

wah, yustad!wah aapki sehat ka raj aakhir khul hi gaya.shandar hazal ke liye badhai.
arvind pathik

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

महाराज,हंसी ही नहीं रुक रही थी लग रहा था कि इस बार तो हास्य अटैक से स्वर्गारोहण ही हो जाएगा और हो सकता है कि भगवान भी इस रचना को सुन लें तो हंसते-हंसते सू कर देंगे और सूखाग्रस्त क्षेत्रो का संकट दूर हो जाएगा....

अनिल भारद्वाज, लुधियाना said...

Bade Bhai,
Maaza Aa Gaya.

अबरार अहमद said...

बडे भईया प्रणाम। बहुत खूब।

Anonymous said...

aapka blog bahut achha hai krapya kar aap bata denge ki aap ne vah uper likha hai jo chal raha hai kaise aaya...............