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18.10.08

इंसानियत

INSANIYAT
वो लोग किसी इन्सान को मार रहे थे ,
दूसरे ने देखा ,
लेकिन चुपचाप निकल गया ,
कुछ नही बोला वह ।
थोडी देर बाद खबर मिली,
की चौराहे पर पड़ी है एक लाश,
बचाया जा सकता था उसे मरने से ,
लेकिन जब वो जिन्दा था ,
उसके पहले ही मर चुकी थी इंसानियत ,
दूसरे आदमी की ।