सबसे पहले तो मेरी तरफ़ से सभी भडासीयो को प्रणाम...
पाँच-छह दिन पहले ही एक लिंक के जरिये इस महाब्लोग तक पंहुचा हूँ सोचा ख़ुद को थोड़ा आजमाया जाए.. देखते है कितनी भडास निकल पाती है.. आदत नही है ना ...
सच कहूं तो मुझे हिन्दी मैं लिखने में थोडी परेशानी हो रही है पर लगता है की धीरे धीरे सीख जाऊंगा.. अब क्या करें भइया .. इंग्लिश की हर तरफ़ जय जय कार है और हो भी क्यूँ ना .. जरूरी भाषा तो है ही.. जो इंग्लिश अटक अटक के बोले उसका मजाक उडाया जाता है और जो हिन्दी अटक अटक के बोले उसको हाईफाई समझा जाता है .. ऐसा ही है बस.. क्या करें
क्षमा चाहता हूँ...अभी समय का थोड़ा अभाव है इसलिए अपनी भडास को इधर ही रोक देता हूँ.. फिर से मिलते है जल्द ही..
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साहिल
23.10.08
आज से मैं भी भडासी
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1 comment:
भैये साहिल,
अटक अटक कर ही सही मगर भड़ास को ना रोकिये, आपका भड़ास पर स्वागत है, जो मन में है सो भड़ास पर पेल दीजिये.
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