ठाकरे जी की बातों से तो ऐसे लग रहा है की जैसे हम फ़िर १९४७ के भारत की और जा रहे है...अब सब अपने प्रदेश और भाषा की बात करेंगे?देश कहीं पीछे छूट गया है...प्रदेश हावी हो रहें है.अरे भाई देश बचेगा तो ही तुम बचोगे...वरना फ़िर वाही घुलामी आने वाली है...लेकिन क्या करें?नेता लोग तो देश तोड़ने पर तुले है...अरे शर्म करो.ठाकरे जी आज कोई सरदार पटेल नहीं आने वाला है....क्यूंकि उससे भी तुम लोग गुजराती या कुछ और कह दोगे....ना जाने इस देश का क्या होगा?सारे नेता,अभिनेता और भुधिजिवी खामोश क्यूँ है?क्या सोच रहे है वो? इन घटनाओं की.......पुनरावर्ती................पूरे देश में होने लगी तो क्या ठाकरे..मुंबई में सुरक्षित रह पायेंगे.......अब बहुत हो गया ठाकरे जी एक बनो नेक बनो....रजनीश परिहार...बीकानेर...
22.10.08
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3 comments:
नफरत के सौदागर इन बातों पर शर्म नहीं करते, गर्व से अपनी पीठ थपथपाते हैं.
आरोपी राज ठाकरे की गिरफ्तारी ही पर्याप्त नहीं है, उसे कठोरतम दण्ड भी मिलना चाहिए तथा उसकी पार्टी पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए। भगवान न करें कि उसके पापों की सजा महाराष्ट्र के लोगों को भुगतना पड़ें।
इसी ब्लॉग पर "होश में आओ ठाकरे" में ओकार देशमुख ने कुछ कमेन्ट किया है उसे देखे मेर कहना है
इस मूर्ख देश विमुख से मेरा एक ही सवाल है .... क्या सारे मराठी महाराष्ट्र में ही सिमटे काम धंधा करते रहते हैं या कभी देश के बाहर uk usa europe etc. भी गए हैं?
अगर वहाँ के लोग भी उनको मार पीट कर वापस भेजना शुरू कर दे की तुम पिछडे लोग यहाँ क्या कर रहे हो हमारे developed metropolitans के सामने तुम्हारे बोम्बे पूना पिछडे है जाओ वापस जा कर अपना देश ठीक करो यहाँ क्या कर रहे हो why you idiots came here and for what? dont you have job in your own maharashtra? we ever come to your state for damn job? भडास ही निकालनी हे तो तुम्हारे Politicians पे निकालो जिन्होने तुम्हे जान बूजकर Under-Developed रखा हे..और इसक जवब हिम्मत हे तो french german roman italian hebrew etc etc मे ही देना..
तो कैसा रहेगा ????????????????
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