जब कोई बच्चा होता है तो उसे उसके परिवार वाले बड़े आदर्शों वाली कहानियाँ सुनते हैं और उसे वैसा आचरण करने के लिए और उसके जैसे बनने के लिए कहते हैं. पर मैंने जब से राज की दादागिरी मुंबई में देखी है तबसे मन कर रहा था कुछ लिखूं और आज मौका मिला तो लिख रहा हूँ. मैं आप सबसे कहना चाहता हूँ की अगर आप कुछ बनना चाहते हैं तो राज ठाकरें बनो. राज एक ऐसा नाम है जो कुछ भी कर सकता है. वो जेल के बाहर घूमने वाला गुंडा है. पर पुलिस उसके सामने कुछ भी नही किसी को वो मर सकता है किसी कोई पीट सकता है कुछ भी किसी कोई कह सकता है कानून और अदालत उसके सामने कोई मायने नही रखते. अब आप ही सोचिये अगर हम सब राज ठाकरे जैसा बन जायें तो देश से पुलिस और कानून की ज़रूरत ख़त्म हो जायेगी. क्यूंकि सरकार तो राज कोई चैलेन्ज कर नही सकती तो उसे कम से कम हम एक गुंडा संप्रदाय का प्रतिन्धित्व करने के कारन चैलेन्ज तो कर पाएंगे. भाई जिस बन्दे में इतनी ताकत है ऐसा बन कर हम भी देश का नाम रोशन करें. इसके बाद फिर हम राज ठाकरे से पंगा भी ले पाएंगे. तो भाइयों मैं आप सबसे अनुरोध करता हूँ की सामने आयें और नही ज्यादा तो एक राज ठाकरे बनकर दिखाएँ क्यूंकि ऐसा करने से ही आप इस देश के शसक्त नागरिक कहलावोगे. तो आवो आज हम सकल्प लें की इंडिया के हर प्रदेश और शहर पर अपनी क्षेत्रीय भाषावों का राग गाकर अपना बर्चस्व कायम करें. जय राज ठाकरे का नारा लगावोए और देश में सैकडों राज बनावो
25.10.08
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3 comments:
भाई बहुत खूब,
शानदार लिखा,
बधाई
इसे गुंडागर्दी समझ रहे हो तो वोही सही.
पुलिस भी जानती है की स्थानीय लोगों पे अन्याय हो रहा है और सही मुद्दा राज उठा रहा है. सो वो अदंर से उसे सपोर्ट कर रही है. वोतेबंक की राजनीति के कारन कांग्रेसी नेता चाहते हुए भी मुंह बंद कर रहे है और अदंर से राज के मुद्दे को सही ठहरा रहे है. अब वक्त आ गया है उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग काम करना सीखे और अपनी और "अपने" राज्य की प्रगती करे. नही तो सरे देश से वो ठुकरा दिए जायेंगे जैसे आसाम, मणिपुर, ओरिसा माँ हुआ है. तमिलनाडु और गोवा ने तो बिहार से ये कहके ट्रेने आने से ही मना किया था की वो भिकारी आना नही चाहते.
इसे गुंडागर्दी समझ रहे हो तो वोही सही.
पुलिस भी जानती है की स्थानीय लोगों पे अन्याय हो रहा है और सही मुद्दा राज उठा रहा है. सो वो अदंर से उसे सपोर्ट कर रही है. वोतेबंक की राजनीति के कारन कांग्रेसी नेता चाहते हुए भी मुंह बंद कर रहे है और अदंर से राज के मुद्दे को सही ठहरा रहे है. अब वक्त आ गया है उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग काम करना सीखे और अपनी और "अपने" राज्य की प्रगती करे. नही तो सरे देश से वो ठुकरा दिए जायेंगे जैसे आसाम, मणिपुर, ओरिसा माँ हुआ है. तमिलनाडु और गोवा ने तो बिहार से ये कहके ट्रेने आने से ही मना किया था की वो भिकारी आना नही चाहते.
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