टीवी चैनल वाले अपने सीऱियल की टीआरपी बढाने के लिए मानवीय सँवेदना को पूरी तरह से भुनाने पर लगे हैं उन्होने अपने एक विज्ञापन में एक कलाकार का फोटो देकर उसकी उठावनी की सूचना दी हैं यह सही हैं कि कलाकार पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार होता हैं लेकिन परदे पर औऱ उसे देखकर लगता हैं कि यह फिल्म या धारावाहिक की कहानी का हिस्सा हैं ,लेकिन इसे देखकऱ कुछ और ही अनुभव होता हैं ।लेकिन इसे देखकर परिवार,प्रशंसक औऱ रिश्तेदारों का दुखी होना स्वाभाविक हैं । संवेदनाओ सए चैनल को क्या मतलब उसे तो सिफॆ टीआपी चाहिए
राकेश जुयाल
pahar1.blogspot.com
1 comment:
are you tell me. which paper published this ad.
Post a Comment