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6.10.08

सच्चा धर्मनिरपेक्षवादी

आशुतोष जी आपका बडा अनुभव रहा है,देश दुनिया को खूब देखा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा आपका ये लेख क्या असर कर सकता है ? ज़ाहिर है एक बार नहीं हज़ार बार सोचा होगा, क्योंकि आपसे लोग जो मीडिया के धुरंधर हैं, जिनके कंधों पर मत निर्माण की बडी-भारी ज़िम्मेदारी है। सही ग़लत को जस का तस दिखाने का भी भार है इन सब के बीच आप जैसे विशुद्ध धर्मनिरपेक्ष वादी ने ऐसी टिप्पणी की है, वरना किसी राष्ट्रवादी या तथाकथित धर्मनिरपेक्ष के पहरुआ के बस में नहीं है कि वो इस विडंबना पर कटाक्ष कर सकें ग़लतफहमी में ना रहें कि मैं आपकी आरती उतार रहा हूँ या यूँ ही आपसे नजदीकियाँ बढाने की फिराक़ में हूँ। सच ये है कि भारत में ऐंसा कभी नहीं हुआ जब किसी धर्म विशेष को इतना कटघरे में खडा किया गया हो। लेकिन आज सारे देश में जिस तरह से मुस्लिम भाइयों के खिलाफ एक मत खुद-व-खुद बन रहा है उसके लिये आम मुस्लिम क़तई दोषी नहीं है बल्कि इस धर्म के झंडाबरदार और उच्च शिक्षित लोग दोषी हैं। आपके विचार वास्तविक धर्मनिरपेक्षी हैं क्योंकि आज हिन्दुओं के खिलाफ बोलना और अल्पसंख्कों का पक्ष लेना ही सेकुलिरिज़्म है। विभाजन के बाद से अब तक कभी धर्मनिरपेक्षता शब्द तक की ज़रूरत नहीं थी क्योंकि इस देश में कभी पारकी धर्म के लोगों से ना कभी यहाँ के धर्म को अपनाने का कहा गया और ना कभी उन्हें उनके पूजा विधान के लिये तरसाया गया फिर ये यूरोपियन शब्द क्यों इतना बडा मुद्दा बन बैठा है। मामला सीधा राजनीति से जुडा है जो अपनी मार्केटिंग के लिये एक मॉस्क लगाना चाहती है। और अब खोना नहीं चाहती आप समझ रहें हैं मैं क्या कह रहा हूँ। मस्ज़िद से देश चलेगा तो अल्पसंख्यक खुश नहीं होगा क्योंकि उसकी मंजिल भारत नहीं दुनिया है। कुछ भी करो अल्पसंख्यकों को खुश नहीं किया जा सकता हम ये आज़ादी से अब तक देख रहें हैं लेकिन अगर ऐंसा ही चलते रहा तो वहुसंख्यक ज़रूर ही नाखुश हो जायेंगे, जिसका मतलव सिविल वार है। और इसकी जिम्मेदार होगी देश की सबसे पुरानी और व्यक्तिवादी पार्टी कॉग्रेस होगी।

2 comments:

Anonymous said...

वरुण जी,
"राष्ट्रधर्म या स्वधर्म..... " लिख कर आपकी जिज्ञासा शांत करने की कोशिश की है, वैसे भी कबीर दास जी ने कहा है कि " बुरा जो देखन मैं चला......"
अपने आप को तलाशिये, दोषारोपण बंद कीजिये
जय जय भड़ास

Barun Sakhajee Shrivastav said...

जो खुद के प्रति ईमानदार होता है वह खुद ब खुद दूसरों के लिये ईमानदार हो जाता है। आज हैं वही प्रयास कर रहा हूँ। धन्यवाद आपके कमेंट्स के लिये।