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16.12.08

भड़ासी की चाह

भड़ास के श्रोताओं को मेरा पहला नमस्कार.................
पहली रचना है तो सब भड़ासियों को संबोधित है

जो कुछ भी मेरे आस-पास है
मुझको तो वही चीज ख़ास है

एक ही है चिंता
दिल्ली की ताज किसके पास है

चुनाव का है मौसम
भेडिया ओढे लिबास है

आतंक की गोली को
फ़िर नए शहर की प्यास है

जाग जाओ भारत
जीने की दिल मैं मेरे आस है

हैं कहाँ सारे भडासी
दिल मैं उठती कुछ भड़ास है

कोई प्रतिक्रिया नही
ब्लॉग मेरा कुछ उदास है

1 comment:

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

कोई प्रतिक्रिया नही
ब्लॉग मेरा कुछ उदास है............isliye bhaayi ki is baar jyada maja nahin aaya naa....aur gahara karen...ise !!