संभव जी इस मंच की सार्थकता अब समझ आई जब आपकी में बम्बू हुआ ,पहेले जब किसी की में ऊँगली कर रहे थे तब समझ नहीं आ रहा था !! भैया अच्छी विचारधारा हम भी रखते है ,अच्छे काम हम भी करते है पर जब आप किसी को उत्तेजित करोगे तो वो तो आपकी लेगा ही !!और ये कमेंट्स छापकर सहानुभूति बटोरकर आपने बिलकुल उसी तरह का कार्य किया है ,जिस प्रकार का काम एक किन्नर खुदा को दोष देकर,सहानुभूति बटोरकर चंदा बटोरने में करता है !खैर मुझे खुसी है की जिस प्रकार की आशा में आपसे रखता थ और जिस श्रेणी का में आपको समझता था बिलकुल आप उसी तरह के निकले !!!और आकाश जी को बता दो की हम भडासी तो है पर सम्लेंगिक नहीं है इसलिए मर्दांगनी औरतों पर उतारते है ,अब आप सम्लेंगिक हो सकते हो इसलिए आप मर्दों मर्दों की बात बन जाती है ....हा हा हा .......और आकाश जी कह रहे थे की .. और हाँ संभव भाई अपनी मर्दानगी की आग बचाए रखे..!!!हाँ तो संभव जी में भी आपसे यही कहना चाहूँगा की ये आग बचाए रखे ...बुढापे में तकलीफ नहीं होगी!!!
अगर अब और हिजडों की तरह काम करना है मेरा मतलब सहानुभूति बटोरनी हो तो एक और पोस्ट छाप देना ,मेरी पोस्ट को जोड़कर !!अच्छा भैया अब चले जा रहे है , आशा है की अब आप मंच की सार्थकता हो जान गए होंगे !! और संजय को भी !!
24.12.08
मै भडासी हूँ सम्लेंगिक नहीं ..हा हा हा !!
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1 comment:
गांड फाड़ दी संजय जी ,
क्या बात है संजय भैया उसकी लेने में मजा आ रहा है क्या !!ऐसा मत करो यार वरना भड़ास का एक मेंबर कम हो जायेगा !!
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