केंद्र सरकार सरहदों के पार के पाप को भले ही न मिटा पा रही हो लेकिन बह देश के अन्दर फ़ैल रहे अय्याशी के नंगे नाच को रोकने का पूरा प्रयास कर रही है !!जी हाँ भाइयो हमारी निष्क्रिय केंद्र सरकार ने सक्रिय होते हुए एक कदम उठाया है की बह लिव इन रिलेशनशिप पर अपनी मुहर नहीं लगायेगी मतलब कानूनी मान्यता नहीं देगी !!मतलब भैया सीधा है की जो लोग बिना शादी विवाह के जन्नत के मजे लूट रहे थे और भविष्य के सवरने का सपना देख रहे थे तो उनके लिए हमारा सुझाब है की कपडे पहनो और घर को निकल लो खूब लूटा मजा, खूब देखि जन्नत अब कही ऐसा न हो की न कुछ लुटाने को बचे और ऊपर से शादी की दिक्कत आ जाए सो लिव इन रिलेशनशिप में स्थायी रिश्ते बनाने की कोशिश करो या फिर बाप मताई से कहकर अपने हाँथ पीले करवा लो ॥लाल करवा लो जैसे करवाना है करवा लो..... केंद्र सरकार के चक्कर में न बैठो!क्योंकि केंद्र सरकार ने तो अपनी टाँगे उठा दी है की जो करना है सो आप करो हम कुछ नहीं करेंगे! अब केंद्र सरकार भी क्या करे आतंकवाद तो रुक नहीं रहा है सो यही सब रोक लो !!वैसे मुझे भी समझ नहीं आता की केंद्र सरकार पढ़े लिखों के पीछे ही क्यों पड़ जाती कभी आरक्षण को लेकर तो कभी उनके मजे लूटने का जरिए ही बंद कर देती है अब चलो जो होता है सो अच्छे के लिए होता है चिंता न करो मजा करो !!
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3 comments:
धांसू है भैरंट है भाई पेले रहो...
लिविंग रिलेशनसीप को भारतीय समाज स्वीकार नही करता है। सरकारी स्वीकृति या अस्वीकृति सिर्फ सभ्रांत वर्ग के लिए बुद्धि-विलास का विषय हो सकती है। मनमोहन सरीखे वेटीकन के दलाल लिव-इन, समलैंगिक विवाह आदि विषयो को चर्चा मे लाना चाहते है जिससे हमारे समाजिक तानेबाने को छिनभिन्न करने की उनकी योजना को बल मिल सके।
लिविंग रिलेशनसीप को भारतीय समाज स्वीकार नही करता है। सरकारी स्वीकृति या अस्वीकृति सिर्फ सभ्रांत वर्ग के लिए बुद्धि-विलास का विषय हो सकती है। मनमोहन सरीखे वेटीकन के दलाल लिव-इन, समलैंगिक विवाह आदि विषयो को चर्चा मे लाना चाहते है जिससे हमारे समाजिक तानेबाने को छिनभिन्न करने की उनकी योजना को बल मिल सके।
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