अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
जबसे भारत पर हमला हुआ है हमारे लोग ही दो खेमों में बनते नजर आ रहे है दिल से सोचने वाला वर्ग पूरा न्याय और स्थाई इलाज मांग रहा है दिमाग से सोचने वाला वर्ग स्थितियों के पोस्टमार्टम में लगा है। इससे बुनियादी सवाल सुरक्षा का वही का वही खड़ा नजर आ रहा है। --------
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