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27.12.08

कम से कम अपनी महान रचनाए एक बार ही डालो यार

अरे यार! क्यों भड़ास की मईयो कर रहे हो, कम से कम अपनी महान रचनाए एक बार ही डालो। इतनी शिद्दत से तो आप अपनी डस्ट्बींन में कचरा भी नहीं डालते । शहर का हाल देखकर यह समझ में आ जाता है, फिर भड़ास क्यों आपके दिमाग के कचडे का डम्पिंग मैदान बनता जा रहा है......

4 comments:

Ashok Kumar pandey said...

bhaai mere. galti se lag gaya.
अभी निकालने की कोशिश कर रहा हु।
सम्भव हो तो ब्लाग के प्रबन्धक निकाल दे बाकी पोस्ट्।

Ashok Kumar pandey said...

लीजिये हो गया।

Kumar Sundaram said...

jindagi ka safar hai mere hum safar koi samja nahi koi ja nahi.

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

"कम से कम अपनी महान रचनाए एक बार ही डालो यार"
poochhiye BHADAS ke karndharon se wo kya ye sab chahte hain? MAIYO karna-karwana to inka JANMJAAT SHAUK hai.................