Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

14.2.08

संपादक श्री जय प्रकाश मानस ज़वाब नहीं दे रहे

http://www.srijangatha.com/2007-08/july07/vicharvithi.htm<= इस लिंक पे भास्कर जबलपुर में छप चुकी रचना का किसी अन्य नाम से प्रकाशन कर सृजनगाथा ने गलती की और मेरे ई-मेल का उत्तर भी नहीं दिया ।
कुझे बताइये मैं क्या करूं

2 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

मुकुल भाई, भलमनसाहत का तो जमाना ही नहीं है ,अगर साले सीधे से नहीं मानते तो किसी वकील जीजाजी से सलाह लेकर डंडा कर ही डालिए...

बाल भवन जबलपुर said...

JIJU SE BAAT HO GAI