Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

6.10.08

आतंकी कौन????

हृदेश जी,
ढकोसले बाजी से ना ही किसी का भला हुआ है ना ही होगा......
ये देश धरम के नाम पर, धर्म के ठेकेदारों से कई बार आहात हो चुका है......आपसे साग्रह, सविनय निवेदन है की धर्म विशेष टिप्पणी करने से पहले सोच लें की कई लोग ना केवल आहात होते हैं अपितु बहुत से लोगों को अपने कुक्तित्य को न्यायसंगत बनाने का मौका भी मिलता है......

कोई भी भाषा, कोई भी धरम और कोई भी संस्कृति किसी भी देश की सीमायों की गुलाम नही होती.......और अगर होती है तो पुरी दुनिया मैं हिंदू धर्म के मान ने वालों से ज्यादा खतरे मैं कोई भी नही परेगा!
आज हर जगह हिंदू ही हिंदू हैं......चाहे वो ब्रितानियाँ हो या फ़िर मिश्र या अमेरिका ......
आप जिस हिंदू की बात कर रहे हैं वो आदिकाल से अपने ही देश के बाहुल्य जन मानस (पिछरे तबके के लोग) जिनकी आबादी ८०% से ज्यादा थी, है और रहेगी को अपने इश्वर स्थल जाने से रोकता चला आ रहा है.... आज जब कुछ दुसरे धर्मों के लोग न केवल उनको शिक्षित बना रहे हैं परन्तु उन्हें हिन्दुस्तान के तर्रक्की मैं साझेदार भी बना रहे हैं.......आपके धर्मावलम्बियों ने सदियों तक उन्हें आस पास फटकने नही दिया.......नतीजा जहाँ धर्म के ठेकेदारों के पास हराम की अकूत संपत्ति है वहीँ ६०% से ज्यादा हिन्दुस्तानियों के पास दो वक्त की रोटी का भी जुगार नही है.....

आप के नक्सली वही लोग हैं, जिनके ज़मीं पर आप कारखाने लगाते हैऔर उनको ठेंगा दिखाते हैं और जब किसी और समुदाय के लोग उनको शिक्षित बनाते हैं, उन्हें अपने चर्च मैं इज्ज़त से ले जाते हैं तोह आप लोगों को खुजली होती है की धरम के साथ खेलवार हो रहा है......
आप जिस हिंदू की बात करते हैं उसको आपका ही पुरा देश अपना नही मानता है...... पुरा दक्षिण भारत द्रविड़ है और वो आपके आर्य (हिंदुयों) को नही मानता है......हिम्मत है तोह गाली देके दिखाओ....

अल्पसंख्यक पर अपनी भडास निकालना नामर्दगी से बड़ा कुछ भी नही है......

हिन्दुस्तान वो जहाँ है, जो
ही (हिमालय)
और
इन्दुस (हिंद महासागर)
के बीच की ज़मी को
मिलाकर बना है
और इस बीच मैं रहने वाला हर इंसान
चाहे वो किसी भी धरम
का हो
हिन्दुस्तानी कहलाता है....
और जहाँ तक राज करने की बात है तो आज़ादी के बाद १५ बार
हिन्दुस्तानियों ने बताया है
की धरम के नाम पर तोड़ने वालों के
लिए कोई जगह नही है......
असल आतंकी वो है जो भरकाने के सिवाय कुछ नही करता......बिमारी से बचने के लिए जड़ से इलाज किया जाता है......
और हिन्दुस्तान के आतंकवाद की अगर कोई जड़ है तो वो है.....
उन्मादी विश्व हिंदू परिषद् (पता नही कौन से हिदुयों की बात करते हैं),
आतंकी बजरंग दल
ज़हरीली आर, एस, एस
बिमारी हटाना है तो कारण को हटाओ........
इन धरम के ठेकेदारों को एक एक कर के संविधान का पाठ पढो....
जय हिंद,

6 comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

hindu heet kee baat karne wala har insaan sampardayik or aatankee hai usko sare aam fasni par latka diya jana chahiye or afjal jaise log sachche dharmnirpeksh hain unko bharat ratan se sammanit kiya jana chahiye.aapki desh bhagati ke liye aapko direct shanti ka koi inam milna chahiye.

बाकलम {Balaram} said...

bhai, pahle aap itihas padho fir bat karo, hindu koi dharm nahi, hindu 1 sanskrati he or dharma he sanatan samjhe. dusari bat aap kahte he ki rss or vhp zeher gholte he to simi, al-qayda, lashqar ye apke desh me mout ki mohhabat bante he or yadi ye pyar aap ko kabool he to aap is desh me rahne wale har aadmi ke kiye gunahgar ho. 1 bat or batan doo kabhi mishnarie ko dharmantaran karwate hue dekh lene phir bolna vhp galat he rss galat he.


-eis desh ka nagrik
n.k. from indore

बाकलम {Balaram} said...

bhai, pahle aap itihas padho fir bat karo, hindu koi dharm nahi, hindu 1 sanskrati he or dharma he sanatan samjhe. dusari bat aap kahte he ki rss or vhp zeher gholte he to simi, al-qayda, lashqar ye apke desh me mout ki mohhabat bante he or yadi ye pyar aap ko kabool he to aap is desh me rahne wale har aadmi ke kiye gunahgar ho. 1 bat or batan doo kabhi mishnarie ko dharmantaran karwate hue dekh lene phir bolna vhp galat he rss galat he.


-eis desh ka nagrik
n.k. from indore

hradesh said...

randheer jha ji aap agar bajrang dal, rss, vhp ko hi aatankwadi sangathan kahoge to muslim aatanki sagathan ko kya kahoge deshbhakt agar wahi desh bhakt hai to aap bhi ese hi desh bhakto ki ginti mei shamil hai hum nahi kyoki ham hindu hain.

Anonymous said...

भाई रंधीर,
आप किसे समझा रहें हैं और क्योँ, जो अपने माँ के पेट से ही पढ़ कर धार्मिक उन्माद आयें हैं उन्हें तो बेकार है ये बहस, ये वो लोग हैं जिन्हें राष्ट्रवाद से कोई सरोकार नही है राजनीति के अखाडे के वो चौपाई हैं जिनका उपयोग नेता अपनी बिस्तर सवारने के लिए करते आए हैं इससे ज्यादा नही,
आतंकी का कोई कौम नही होता धर्म नही होता और जो भी शान्ति अहिंसा और गांधी के इस देश में जाति-पाति, धर्म-कौम के नाम पर वैमनस्यता फैलाते हैं वो सभी आतंकी हैं, चाहे वो सिमी हो या राज ठाकरे, चाहे बजरंगी हो भगवा वाले,
ये तिरंगे का देश है हरे-भगवे का नही.
जय जय भड़ास

Dreamer said...

नारद मुनि जी, स्वर्ग लोग मैं ही आग लग्गएं तो बेहतर होगा, भूलोक मैं लोग वैसे ही एक दुसरे का खून पीने को तैयार रहते हैं...

विषय का विषयांतर कर देना और फ़िर उसका कुछ और अर्थ लगाना ही संवेदनहीनता का परिचायक है, सिमी, लश्कर, या कोई भी इस्लामिक आतंकवाद की ना ही कोई प्रशंसा करता है और ना ही कोई उनका साथ देता है और शायद इसलिए हिदुस्तान के किसी भी जेल मैं बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद् और आर, एस, एस के लोग नही अपितु इस्लामिक आतंकी ही बंद हैं और होना भी चाहिए.....लेकिन इंदौर के प्रोफ़ेसर के हत्यारे सिर्फ़ इसलिए आजाद घुमे की वो हिंदू या कहें की सो कॉल्ड राष्ट्रवादी हैं......शायद कोई भी संवेदनशील देश अपने नागरिकों को धरम विशेष से जुरे होने का इतना ईनाम नही देता है......

आख़िर मैं भाई साहेब लोग, मरता एक हिन्दुस्तानी ही है......चाहे वो किसी भी कॉम का क्यों न हो.....

कई आज के इस्लामिक आतंकवादी २२-२४ वर्ष के हैं, यानी की युवा हैं, उनका मोटिवेशन क्या है...क्यों वो सॉफ्टवेर इंजिनियर होते हुए भी आतंकवाद के रस्ते पर हैं..... इन सवालों का जव्वाब भी हमें ख़ुद से ही पूछना पड़ेगा ।

राज saheb, ham sab sanaatan dharmee hi hain aur agaar mere blog ko aapne padha toh aapko maine hindustaan ka naam aur log dono ke baare main kaha hai ki hindu kaun है

hum jo sarv dharm sambhaav ki baat karne waale log hain wo aaj kal logon ke bahu betiyon ke saath balaatkaar karne main lage hue hain.....aur jo bhi sansthaa logon main aatank failaa rahi hai kam se kam main uskaa himaayati nahi ho sakta .......माफ़ी चाहता हूँ......

इस देश मैं हिंदू अगर आतंकी बन जाए तोह क्या होगा , कल्पना कीजिये और.....हिंदू होने का गर्व महसूस कीजिये

मैं गद्दार कहलवाना ज्यादा पसंद करूँगा

जय हिंद