Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

1.12.08

कोंडम माने समझदारी


कोंडम माने समझदारी


और ये समझदारी किन को मिलनी चाहिए ?


या यूँ कहें किस उम्र से मिलनी चाहिए ?


एक से १४ साल तक के बच्चे को क्या जरूरी है की उसे सम्भोग के दौरान इस्तेमाल होने वाले इस वस्तु को जाने ?


क्या आपने कभी कोंडम का पॉकेट पर छापी तस्वीरें देखी है?


ये फोटोग्राफ्स ऐड्स रोकने में कसे मददगार है मुझे समझ नही आता।
इन प्रश्नों से एसा आप को लगेगा कि लो आगया एक और समाज का ठेकेदार, Moral Policing करने।
लेकीन मेरे बंधू जरा गौर से सोचना ।

5 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

अभी कुछ समय पहले की बात है जब मैं बच्चा था(वैसे तो मैं अभी भी बच्चा ही हूं लेकिन अब समझने लगा हूं कि बच्चों को क्या समझना है और क्या नहीं समझना) तो मैं इस चित्र को देख कर समझता था कि इस बम के फटने के बाद ये दोनो मर जाएंगे तो इन्हें एड्स होगा ही नहीं....:) न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी:)

Anonymous said...

कम्बखत
नामाकूल
नालायक
निक्कमा
कमीना
हरामखोर
बेगैरत
बेशर्मो
कुत्तो
जलिलो .....
अरे भाई सम्भव जी ये विशेषण आपके लिए नहीं...ये उन बेहायायो के लिए है जिन्हें कंडोम इस्तेमाल करना नही आता है...कम से कम आज जो एड्स दिवस है...इस दिन तो इनकी समझ डेवेलोप हो जाना चाहिए...

Unknown said...

arey bhadas nikalne me kasar mat rakhiye magar mere chote se lekh ko kripa padh kar hi coment karen bhai anonymous
kumar sambhav

Anonymous said...

Zindagi Yeh nahi toh Kya.....

Bolte sab hai magar Matlab K bina Phass Jate hai!

Aapne Jo kaha mai aapse waqif hooo..... Sach hai kya zarurat hai unn Tasviro ki....

- SmartVicky4U

Anonymous said...

सम्भव भाई,
जितना बड़ा आपका प्रश्न है उतना ही मजेदार डोक्टर साब का उतार,
सोचनीय तो है ही.