ये देखो क्या आज हो गया।
जूता भी आवाज हो गया ।
टाइटलर, सज्जन पर देखो ,
गिरने वाली गाज हो गया ।
दोनों की तो बज गई यारों ,
जरनैल का ये साज हो गया ।
न्याय तंत्र को कोस रहे हैं ,
जूतों पर ही नाज़ हो गया ।
नेताओं तुम सुधरो वरना ,
प्रचलित ये अंदाज हो गया ।
जूता भी आवाज हो गया ।
टाइटलर, सज्जन पर देखो ,
गिरने वाली गाज हो गया ।
दोनों की तो बज गई यारों ,
जरनैल का ये साज हो गया ।
न्याय तंत्र को कोस रहे हैं ,
जूतों पर ही नाज़ हो गया ।
नेताओं तुम सुधरो वरना ,
प्रचलित ये अंदाज हो गया ।
1 comment:
sahi kaha hai bandhu.jaise ko taisa.sadhuvad
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