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4.2.08

राज ठाकरे को "मीडिया" की मदद

आज जो भी बवाल मुम्बई मे हो रहा है - उसमे राज ठाकरे से ज्यादा मीडिया की भूमिका है !

"दलाली" की हद कर दी आप सभी ने! दरअसल इलेक्ट्रोनिक मीडिया मे अत्यंत ही घटिया और कमज़ोर मानसिकता वाले लोगों का जमावडा हो गया है! ऊपर से नेताओं के लगे पैसा का दबाब, कचरा को पेश किया जा रहा है! उलुल-जलूल खबरों को महतव्पूर्ण बना देना और पूरे देश को उसमे झोंक देना - यह गलत ही नही अपराध है !

राज ठाकरे का बयां इतना महताव्पूर्ण नही था जिसको इस कदर दिखाया जाये ! वह बिल्कुल ही एक छोटी सभा मे कुछ उलुल जुलूल बक रह था ! मीडिया ने इतना महाताव्पूर्ण बना दिया की - टीवी पर दिखने के चक्कर मे बेचारे "पूर्वांचल" के लोग अब पीट रहे हैं !

देश को पूरी तरह "दलालों" के हाथ मे हम सभी ने दे दिया है ! आज तक यह दलाल समाज की आबरू को बेच रहे थे - अब यह खुद की आबरू की दाम लगायेंगे ! "पैसा-पैसा" के इस खेल मे हम सभी इतने व्यस्त हो चुके हैं की हमे यह नही पता चल रहा है की हम आने वाले पीढी के लिए कैसा समाज बना रहे हैं !

सैफ और करीना की खबर - देश की प्रगति की खबर से ज्यादा "important" बन जाती है !
आप सभी से मेरा निवेदन है की आपको जहाँ भी इस तरह के " इलेक्ट्रोनिक जर्नलिस्ट " मिले , मेरे तरफ से इनको समझायें ! विनम्र निवेदन करें !

मुझे जया बच्चन का बयां ज्यादा पसंद आया की - राज ठाकरे कौन है ? बात ख़त्म !
खैर, राज ठाकरे कौन हैं यह सबको पता है! इनके असली पिता कौन हैं, यह भी सबको पता है!

रंजन ऋतुराज सिंह , नॉएडा
http://daalaan.blogspot.com

2 comments:

Unknown said...

bilkul sahi kaha apne. bazaar sach aur samajh per haavi ho gaya hai. pata nahi paise ki is daud me khabar aur kitna kahani banegi. pehle kahbare padhte -dekhte the ab sirf kahaniya reh gayi hai.

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

एकदम सहमत हूं आपसे ,कुत्ता भौंके तो भौंकने दो लेकिन जब काटे तो एक डंडा जमा दो लेकिन इसे न्यूज बना कर चैनलों पर न दिखाइए....
जय भड़ास