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17.5.08

अब मुंबई के रेडलाइट एरिया में सिर्फ़ मराठीभाषी औरतें ही धंधा करेंगी : राज ठाकरे


आज तो सुअरपन की हद पार कर दी राज ठाकरे और उसके समर्थकों ने। पनवेल में मैं भाई डा.रूपेश के साथ आज जब सब्जी लेने के लिये बाजार गयी तो देखती क्या हूं कि पूरा बाजार म.न.से. के होर्डिंग्स से पटा पड़ा है जिन पर सभी लोगों से अपील करी गयी है कि आप लोग "आम" केवल मराठी भाषी लोगों की दुकानों से खरीदें साथ ही हिंदी भाषी आम विक्रेताओं को मार-धमका कर उनकी दुकानें बन्द करा दी गई हैं कि अगर उन्होंने आम बेचे तो उनकी दुकानो को तोड़ दिया जाएगा और आग लगा दी जाएगी। बेचारा वो आदमी जिसे गरीबी की मार ने पहले ही मार डाला है, जिसे अपना घर छोड़ कर हजारों किलोमीटर दूर परिवार से रह कर, फुटपाथ पर सो कर महज अपना परिवार जीवित रखने की चिन्ता रहती है वो लड़ नहीं सकता है उसे मराठी या हिन्दी बोलने वाला क्या कोई गूंगा भी मार सकता है क्योंकि वो पहले ही मरा हुआ है। मैं भड़ास के मंच से उस सुअर के पिल्ले,लेंड़ी राज ठाकरे से एक बात कहना चाह रही हूं कि मुंबई में एशिया का सबसे बड़ा रंडी बाजार हैं "कमाठीपुरा" उधर अपने समर्थकों के साथ जा कर बोर्ड लगवाए कि अब इस धंधे पर सिर्फ मराठीभाषी औरतें ही बैठेंगी और अगर किसी दूसरे प्रदेश की औरत बैठी तो उसे धंधा नहीं करने दिया जाएगा। इस काम की शुरूआत करने के लिये सबसे पहले ये सुअर अपने घर से मां-बहनों-बेटियों और बीबी को आगे लाने वाला है आखिर मराठी अस्मिता की रक्षा जो करनी है। अगर मराठीभाषी औरतें कम पड़ गईं तो खुद राज ठाकरे और म.न.से. के कार्यकर्ता लोगों को खुद अपनी पिछाड़ी परोसेंगे लेकिन किसी भी धंधे में हिन्दी बोलने वाले को घुस कर उस धंधे को मराठी लोगों से नहीं छीनने देंगे। महराष्ट्र में हर धंधे पर सिर्फ़ मराठी बोलने का अधिकार जो है।

17 comments:

Anonymous said...

taareef karnee padgee aap kae is baat ko itnaey sashkt tarikae sae kehnae kae leyae

मिथिलेश श्रीवास्तव said...

वाह भई वाह, दिल गार्डेन गार्डेन कर दिया आपने सुल्ताना जी...मरािठयों ने जो अति कर दी है...उससे सभी परेशान हैं। उधर अपना कोई बंदा हिंदी बोलता है तो वो सभी मरािठयों की निगाह में चढ़ जाता है। और उस पर से राज ठाकरे...अपने बाप के दम पर सियासत करने वाला ये आदमी... जब उसी ने गांड़ पे लात मार दी तब...भुनाने लगा मराठी कार्ड...लेकिन शायद वो ये नहीं जानता यूपी-बिहार और दूसरे हिंदी भाषी प्रदेशों से गए लोगों में बहुत धैर्य है...वहां के जितने लोगों को मैं जानता हूं उनके मुताबिक बालासाहब के चलते ही राज बबुआ अभी तक बचे हुए हैं....वरना यूपी-बिहार वालों के खून का तापमान तो सालों पहले से ही अपना रंग दिखाता आ रहा है.....

Anonymous said...

vah sultana ji avinash

Anonymous said...

vah

gunjan srivastava said...

raj ki badjubaani par aapke prahar ka andaaz pasand aaya.. itni neech aur itni giri maansikta ke raj ko abhi aur DOZ ki jarurat hai..

gunjan srivastava said...

raj ki badjubaani par aapke prahar ka andaaz pasand aaya.. itni neech aur itni giri maansikta ke raj ko abhi aur DOZ ki jarurat hai..

जितेन्द्र सिंह यादव said...

तुम जियो हजारों साल । आप जैसी लेखनी से ही राज बाज आयेगा।

SAGAR S said...

thoda jabaan ko sambhaliye. jaise har musalmaan ATANKAVAADI nahi hota waise hi app har marathi par ungali nahi uta sakati.
kahi aap ko hi................................

ab inconvenienti said...

हा हा ............... सागर क्या बात कही................ अगर हर मराठी ऐसा नहीं होता तो.................. जो मराठी 'ऐसे' नहीं हैं वो ही राज ठाकरे के खिलाफ मोर्चा क्यों नहीं खोल देते. शुरुआत तुम ही करो, ले लो मोर्चा ठाकरे परिवार से नहीं तो चुप बैठो

हिज(ड़ा) हाईनेस मनीषा said...

आपा,आपने इतना जानदार व्यंग लिखा लेकिन ये सागर एस.नाम के भाई(?)उसे समझ ही न पाए और आपको जुबान सम्हालने की हिदायत दे रहे हैं लेकिन इन्हें ये नहीं मालुम कि पोस्ट लिखने वाली मोहतरमा खुद मराठीभाषी हैं। सागर साहब भड़ास पर हम सारे भड़ासी उंगली उठाते नहीं बल्कि गलत बात करने वाले को उंगली कर देते हैं जिससे वो उछल जाए और जब उंगली से नहीं मानता उसके बाद बम्बू घुसा देते हैं अपनी कलम से। मैं तो ये कहूंगी कि राज ठाकरे अब वेश्याओं ही नहीं बल्कि हम हिजड़ो के पेट पर भी तो लात नहीं मारना चाहता वरना कहे कि इस धंधे में भी फ़ायदा है चलो सब लोग ’हथियार’ कटा कर ट्रेन में भीख मांगो बहुत फ़ायदे का धंधा है। सागर बाबू आप जैसे लोगों ने ही इन भौंकने वाले कुत्तों को बढ़ावा दे रखा है,आप महान हैं। सागर साहब की जय हो

rajendra said...

yaar sagar bhai, sach ko pachana padega.

Anonymous said...

मुनव्वर आपा,
ये राज ठाकरे नाम का जो खुजली वाला कुत्ता है, जो पता नहीं किस नाजायज बाप की नाजायज औलाद है, अपने जायज चाचा से चुतर पे लात खाने के बाद समूचे महाराष्ट्र में खुजली फैलाना चाहता है. आपने सही कहा अपने खोते पहचान को वापस पाने के लिए ये जो हथकंडे अपना रहा है मुझे भी लगता है की कमाठीपुरा में इसकी माँ बहन इसके सुर में सुर मिलाती हुई कहेंगी की यहाँ सिर्फ हम शिवाजी के नाजायज औलादों के बहन बेटियाँ ही बैठेंगी.

जय जय भडास

Anil Arya said...

jo toku kanta bove usko bo tu bhala
vo sala bhi yaad rakega pada kisi se pala....

wow!!! sultana ji!!! bahut sahi lika he aapne....badhai aapko

VARUN ROY said...

मुनव्वर आपा,
आपको आपकी दिलेरी के लिए सलाम. कमाठीपुरा वाली बात जो आपने भवश्य के लिए कही है वो शायद भूतकाल की बात है और राज को वही बातें इन दिनों याद आ रही हैं.
वरुण राय

SAGAR S said...

ab inconvenienti ji
app ye samaz le ke chup to mai rahunga nahi aur dusara ye ke agar app awaz utha bhi rahe hai to ye tarika sahi nahi hai. ek baat aur ke aap is tarah se RAJ ka kuch nahi ukhad sakate. koi naya point milega to app log RAJ ke jagah usaki baat karane lagenge. to mai yahe kahunga LIMITS ka khyal kijiye. aasa karata hu ki app ke ghar mai bhi maa bahne honge.

Anonymous said...

मित्र सागर,

आपको मुनव्वर आपा की बात कड़वी लगी ये तो समझ में आता है क्योँकी सच हमेशा कड़वा लगता है, मगर आप तो यार दोहरे चरित्र की पराकाष्ठा निकले. लोगों को आप लिमिट की दुहाई दे रहे हैं. अरे मित्र पहले तो आप लिमिट को तय कर लो वैसे भी लिमिट की दुहाई राज के नाजायज चमचों के मुहँ से अच्छी नहीं लगती है. रही उखारने की बात तो भाई राज का सही में कुछ नहीं उखार सकते हैं. अरे भैये उसके पास उखारने को कुछ है भी. ससुरे जिस घर में रहते हैं उस घर के लोग ही जिसे ना पसंद करते हों वहाँ आपने अच्छी दुहाई दी है. उम्मीद है की आप राज के चमचागिरी से बहार निकलेंगे.

मुनव्वर आपा जिन्दाबाद

जय जय भडास

Anonymous said...

फ़ायदा राम कुत्ता भगवन गधा