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26.2.08

पी एच डी ईन राजनितिक शास्त्र्


अपने आप को मराठी मानस कहने वाले भुमि पुत्र आज तो उन्होने सारे महाराष्ट्रा का सर उचा कर दिया| जो काम दाउद के गुर्गे, चीनी और पाकिस्तानी नही कर पाये वो काम आपने राज ठाकरे से एक झटके मे करवा डाला, आपके रहते तो हमे तो पाकिस्तानीयो को खोजने की जरुरत ही नही बस इन्तजार है तो सिर्फ आप जैसे महान विभुतियो की जो दो-चार राज ठाकरे की मानसिकता वाले लोगो को प्रोत्साहित करे, फिर ना कोइ व्य्वसायिक राजधानी और ना कोई राजनितिक सारे देश मे समानता की लहर और आप उस लहर पर सवार हो कर दुनिया को दिखा दे की देखो इसे कहते है भारतीय राजनीति जहा ना कोई राजनितिक मुल्य और ना कोई नैतिक मुल्य, बस गन्दी राजनीति के उपर सवार हो कर कोई भी पुरे देश को गन्दा कर सकता है| जी हा अगर आप सभी को दोगली राजनिती सीखनी हो तो हमारे देश के तथाकथित सबसे पुरानी राजनितिक दल कान्ग्रेस से शिक्षा ले सकते है उनके पास पी एच डी की डिग्री है | वैसे अभी उनके मुख्यमन्त्री जी शादी मे व्यस्त है फुर्सत मिलते ही कान्ग्रेस उनको चलता करेगी और फिर बडे ही उचे शब्दो मे बोलेगी हमने ऊचित कारवाई कर दी फिर ईति श्री | भाड मे जाये देश और देशवासी............जय हिन्द्

3 comments:

Astrologer Sidharth said...

अखबार और टेलीवीजन से जुडे लोग कई बार आंतरिक राजनीति गति‍विधियों को बिना पुख्‍ता सबूतों के प्रकाशित नहीं कर पाते हैं। ब्‍लॉग पर ऐसे विचार नियमित रूप से रखे जा सकतेह हैं। राजस्‍थान के बीकानेर शहर तक आ रही खबरों में यह तय करना मुश्किल होता है कि घटनाक्रम में एक व्‍यक्ति बीच भंवर में फंसा है तो पूरे नाटक का निर्देशक कहां खडा है। वैसे महाराष्‍ट्र में मराठी लोग पतनकारी गतिविधियों में बिना स्‍पष्‍ट कारण लिप्‍त नहीं हो सकते। बाहर के कितने ही लोग वहां हो अगर विकास की धारणा स्‍पष्‍ट और पारदर्शी है तो कभी दंगा नहीं होगा...

Anonymous said...

चोरासिया जी, मुझे ये समझ में नहीं आ रहा की आप किस से विचलित हैं महार्स्त्र में जो कुछ हुआ उस से या अपने आप से, कोण पी. एच. डी. है और कोण एल एल पी पी ये तो समय साबित करता है मगर आप क्योँ इतने दुखी हुए जा रहे हैं. कभी हमने आपने ये ही काण्ड सरदारों के साथ पूरे भारत वर्ष में किया था इतनी जल्दी कैसी भूल गए. अपने पीछूट्टे चोट लगी तो इतना दर्द क्यूँ, विचार कीजिए आरोप और प्रत्यारोप नहीं....

धीरज चौरसिया said...

झा जी टिप्प्णी के लिये धन्यवाद | लेकिन क्या आप ये बताने का कष्ट करेगे की ईस तरह कि विघटनकारी और विध्वन्सात्मक गतिविधियो को चला कर ये किस प्रकार का वातावरण तैयार करना चाहते है| मेरा किसी समुदाय विशेष से कोई दुश्मनी नही ब्लकि मै ये कहना चाहता हुं की ठीक ईसी तरह का बर्ताव अगर आपको अपने ही देश मे मिले तो ईसकी जिम्मेवारी आप किसे देना चाहेंगे| अपने आप को या फिर देश चलाने वाले तथाकथित हमारे तारणहार नेताओ को..........