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1.10.08

अहिंसा के पुजारी को अपनों से खतरा!



हिंदुस्तान को अंग्रेजो की कैद से मुक्त कराने में अहम् भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा स्वतंत्र भारत में पिंजरे में बंद है, वह भी शिक्षा के एक मन्दिर में। उन्हें इस कैद में इसलिए रखा गया है क्योंकि अहिंसा के इस पुजारी को आजाद भारत में अपनों से ही खतरा है। यह मामला है। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले का। यह दिल्ली रोड पर केसरगंज में सरकारी स्कूल में इस प्रतिमा का अनावरण योजना आयोग के उपाद्यक्ष रहे गुलजारी लाल नंदा ने किया था। देश कल बापू की जयंती मना रहा होगा। प्रोग्राम होंगे। उन्हें स्राधांजलि दी जायगी। उनके बताया रस्ते पर चलने का पर्ण लिया जायेगा। लेकिन क्या बापू ने ऐसे ही भारत का सपना देखा था जिस में उन्हें भी कैद कर दिया जाए। ऐसा भी नही की यह प्रतिमा ऐसी स्थान पर लगी हो जहा कोई आता जाता न हो। सरकारी अधिकारी और नेता इधर से गुजरते है लेकिन कोई इसकी सुध लेने वाला नही है। स्कूल वाले कहते है स्थानीय लोग पत्थर मरकर प्रतिमा तोड़ देते है। पुलिस कहती है उनसे कोई सुरक्षा नही मांगी गयी। डीएम के संज्ञान में मामला नही है। नेता अपनी डफली अपना राग गा रहे है। ऐसे में बापू की जयंती पर उनके बताये रास्तो पर चलने का संकल्प लेने वाले शायद उनकी दुर्दशा नही देखते। जो अपनों से ही आहत नज़र आती है। 09917100960