प्रकाश चंडालिया
पेट्रोल और डीजल का दाम घटा कर केन्द्र सरकार ने देश की जनता को थोडी राहत अवश्य दी है. लेकिन महंगाई की मार से बेतरह कुचली जा रही जनता के लिए यह ऊंट के मुंह में जीरा देने जैसे बात है. देश का कैसा दुर्भाग्य है कि मनमोहन सिंह, प्रणब मुख़र्जी और पी चिदंबरम जैसे आर्थिक जगत के धुरंधरों के सरकार में रहते हुए भी लोगों को त्रस्त होना पड़ रहा है. वैसे तेल के दाम घटने का यह फ़ैसला चरों तरफ़ से घिर रही कांग्रेस को भी कुछ शुकून जरुर देगा. क्यूंकि इस वक्त उसके सितारे भी ख़राब चल रहे हैं. पूंजी बाजार का भट्टा बैठा हुआ है, सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल चुकी है, देश के प्रमुख राज्यों में भी upa की हालत खस्ता है. एक ऐसे समय, जब इस सरकार ने पुरे देश का तेल निकल दिया है, यह फ़ैसला भी लोगों को ज्यादा फायदा पहुँचायेगा, इस पर संदेह ही है.
5.12.08
तेल के दाम में कमी, यानी ऊंट के मुंह में जीरा
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