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11.1.10

हम बेज़ुबां भी दिमाग रखते हैं....!


















मैं प्रतिदिन दो बार  दांत साफ़ करती हूं.















ठण्ड में मैं भी गर्म कपड़े पहन के निकलता हूं.














साल में दो बार दांतों के डाक्टर से अपना दांत चेक करवाता हूं.



















मैं प्रतिदिन सनबाथ लेता हूं.


 जब मैं गहरी नींद में होता हूं 
तो मेरे ऊपर कौन सो रहा है, पता नहीं चलता.














मैं हमेशा कार और हवाई जहाज़ में 
अपने को सीट बेल्ट से बांधकर रखता हूं.




 पीने के बाद मैं भी मौज करता हूं.


मैं ऐसे ही हंसता हूं.



 भूख से ज्यादा नहीं खाती हूं.



 रोज नहाती हूं.

 
 दिमाग को दुरुस्त रखने के लिए रोज पढ़ती हूं.


 दोस्त मुझे बहुत प्यार करते हैं.


















मुझे काली चाय अच्छी लगती है.




 इंसानों की बढ़ती आबादी के कारण 
टॉयलेट को हम साझा कर काम चलाते हैं.


















शरीर को फिट रखने के लिए हम रोज़ाना व्यायाम करते हैं.
















ज्यादा पढ़ाई से मेरी आँख की रौशनी कम हो गई है.


  स्वस्थ जीवन का आधार शाकाहार, 
इसलिए हम शाक-पात खाते हैं.




 लोग मुझे स्टाइल में पसंद करते हैं, 
इसलिए मैं स्टाइलिश कपड़े पहने रहता हूं.



















मुझे गुस्सा नहीं आता क्योंकि मैं गुस्सा दूर करने के लिए बाबा 
रामदेव के बताए प्राणायाम करता हूं.



















मेरे मालिक मुझे जहां सुलाते हैं मैं वहीं सो जाता हूं.















कोई भी सुअवसर हो हम सब एकजुट होकर खूब मौज-मस्ती करते हैं.






















मुझे संगीत से गहरा लगाव है, जब घर के काम से फुरसत
मिलती है तो मैं संगीत का आनंद लेती हूं.
















मुझे अपने बच्चों से बहुत प्यार है.

प्रबल प्रताप सिंह


4 comments:

Sunita Sharma Khatri said...

very nice

डॉ. नवीन जोशी said...

बहुत बहुत बहुत रोचक, वाकई बहुत मजा आया.

मनोज कुमार said...

दिलचस्प।

मेरी आवाज सुनो said...

sunita ji, naven ji or manoj ji comment ke liey bahut-bahut shukria.