बतला रहे हैं वक़्त को दिन रात इन दिनों
अच्छे नहीं हैं मुल्क के हालात इन दिनों।
रिश्वत लिए दिए बिना दफ्तर में अब कहीं
होती नहीं है कोई भी तो बात इन दिनों।
बहुमत का कारनामा ज़रा गॉर कीजिये
शेरों को दे रहे हैं चूहे मात इन दिनों।
वोटों की सियासत का खेल आज देखिये
हुनर से कीमती हुई है जात इन दिनों।
मक़बूल रक़ीबों की कोई बात क्या करे
अपनों की देखिये तो करामात इन दिनों।
मृगेन्द्र मक़बूल
16.9.11
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2 comments:
bandhuvar, namaskaar
mujhe aapke sankalan jagah paa kar khushi hogi. aap kripayaa mere mo.
no. 9818176277 par mujhse sampark karen.
shukriyaa
maqbool
bandhuvar, namaskaar
mujhe aapke sankalan jagah paa kar khushi hogi. aap kripayaa mere mo.
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