Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

16.2.08

Anonymous मतलब “हिजड़ा”?

राज ठाकरे से सम्बन्धित मेरी पोस्ट के जवाब में मुझे काफ़ी अभद्र भाषा और गाली-गलौज में टिप्पणियाँ मिलीं, हालांकि यह मेरे लिये कोई नई बात नहीं है, पहले भी विभिन्न पोस्टों में इस प्रकार की भाषा में मुझे गरियाया जा चुका है। सोचा कि एक पोस्ट इस पर भी लिख दी जाये। इस पोस्ट को मैं सिर्फ़ “भड़ास” पर ही प्रकाशित करने जा रहा हूँ, क्योंकि जो भाषा इन टिप्पणियों में है, वह मेरे सब्स्क्राइबरों के मिजाज से मेल नहीं खाती। यदि यशवन्त जी चाहें तो इस पोस्ट को डिलीट कर सकते हैं।

खैर मुद्दे की बात यह है कि मैंने कुछ दिन पहले पोस्ट लिखी “राज ठाकरे की चिंतायें जायज हैं, तरीका गलत है…” कोई भी चाहे तो वह पोस्ट पढ़ सकता है, मैंने कहीं भी बिहारियों के खिलाफ़ किसी अनर्गल भाषा का प्रयोग नहीं किया है। मैंने समस्या का दूसरा पहलू समझने और उसे लोगों के सामने लाने की कोशिश की थी। लेकिन अफ़सोस की बात तो यह है कि मेरे उस विचार या उस कोण से सोचने की जहमत किसी ने नहीं उठाई, या उस पर बहस करने अथवा नवीन विचार प्रकट करने की कोई पहल नहीं दिखाई दी। जवाबी टिप्पणियों में मुझे क्या मिला, देखिये एक बानगी –

Anonymous said...
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों मादरचोद हैं वोट के लिए यह लोग अपनी माँ बहन को भी खुद ही चोद्द डालेंगे
12 February, 2008 8:45 PM

Anonymous said...
राज ठाकरे ने पिछले ४० वर्षों में क्या किया है महारास्त्र के लिए सिवाए महारास्त्र में मुतने के मादरचोद हिजरा रंडी का औलाद साला
First all of us human also Indian ....help to all if anybody need your help...not to kill....
Jai Hind
14 February, 2008 4:27 AM

Anonymous said...
Lund hai nahi aur chodne nikal pada hai motherfucker raj thakare
14 February, 2008 11:27 AM

कुछ व्यक्तिगत ईमेल पर प्राप्त टिप्पणियाँ जातिगत भी हैं जो मेरे मराठी होने के कारण दी गई हैं, जिनमें से कुछ तो नकली ईमेल से भेजी गई हैं, कुछ Anonymous हैं। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि ऐसा मैने उस पोस्ट में क्या लिख दिया जिससे बेनामी लोग इतना भड़क गये, उल्टा मैं उनसे फ़िर पूछता हूँ कि क्या उन्होंने कभी सोचा कि उप्र-बिहार से ज्यादा मात्रा में पलायन क्यों होता है? क्यों लालू, मुलायम, मायावती जैसे नेता इन प्रदेशों का विकास नहीं होने देते? उत्तरप्रदेश-बिहार बदहाल हैं, अशिक्षित हैं, गरीब हैं इसके लिये कौन जिम्मेदार है, कभी उनसे सवाल-जवाब किये किसी ने? लेकिन इन प्रश्नों का कोई जवाब नहीं देता, बस राज ठाकरे, बाल ठाकरे और मराठियों को गाली दो (यह आसान काम भी है)।

मेरी पोस्ट की पहली ही लाइन थी “नीम का पत्ता कड़वा है, राज ठाकरे भड़वा है” यह नारा पहले सपा की एक सभा में लगाया गया, अब सोचें कि मुद्दे की शुरुआत किसने की? और जब शुरुआत की है, तो क्या राज ठाकरे जवाब नहीं देगा? लेकिन हमारे नकली और बिके हुए मीडिया वालों, पत्रकारों को यह दिखाई नहीं देगा। एनडीटीवी द्वारा जब नासिक में एक व्यक्ति की मौत पर राज ठाकरे से बयान माँगा गया तो राज ठाकरे ने कहा कि “यह घटना मुझे जीवन भर परेशान करती रहेगी”। इससे जाहिर होता है कि राज ठाकरे अभी पूरी तरह बेशर्म राजनेता नहीं बन पाये हैं, क्योंकि लालू को हमने कभी यह कहते नहीं सुना कि शहाबुद्दीन या तस्लीमुद्दीन द्वारा की गई हत्याओं से उन्हें कोई परेशानी होती हो, ना ही मायावती ने कभी यह कहा होगा कि मुख्तार अंसारी जैसों के कारण उन्हें जीवन भर शर्मिन्दा होना पडेगा… इससे क्या साबित होता है?

रही बात Anonymous टिप्पणियों की, तो आज से मैंने अपने ब्लॉग पर Anonymous टिप्पणी को प्रतिबन्धित कर दिया है, लेकिन फ़िर भी यदि वे मर्द की औलाद हैं तो सरेआम सामने आकर अपने मेल आईडी के साथ टिप्पणी करें, इस प्रकार की भाषा का उपयोग मैं भी कर सकता हूँ लेकिन मेरे संस्कार आड़े आ जाते हैं… बहस करना है तो खुलकर, संयमित भाषा में कीजिये, हरेक विचार का स्वागत है, लेकिन राज ठाकरे की पोस्ट के बारे में फ़िर से कहना चाहूँगा कि समस्या का दूसरा पहलू भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जिस पर कोई बात नहीं कर रहा…

सुरेश चिपलूनकर
http://sureshchiplunkar.blogspot.com

7 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

भाऊ,मी तुमच्याशी आजीबात सहमत नाही ,हिजड़े लोकांना बदनाम करू नका ,तुम्हाला कमेंट देणारे लोकांसाठी वेगळा सम्बोधन आहे "फ़टैल"....

dpkraj said...

मुद्दे की बात यह है कि यह बेनामी असहमति पर गालियाँ लिखता है. हमें इस पर गौर करना है, और इस बारे में आपसे संपर्क करूंगा. आपने जो लिखा उस पर हमने भी लिखा था और कुछ मामलो पर असहमत थे इसलिए वह अलग मामला है और यहाँ उसके द्वारा गालिया देना गलत है और हमें इस पर विचार करना है. इस तरह गालियाँ लिखना गलत है और इसे अधिक मुखर ढंग से उठाईये.

RSUDESH said...

mein apke ke bare mein jyada to nahin janta, lekin samman ke ke sath kehna chahta hoon ki aapka gyan kafi kam hai. bihar ya UP ke bare mein kitna jante hain. bihar ya UP ka development nahin hua to iske liye laloo, mayavati, amar singh ya mulayam jimmedar nahin hai. iske liye aap jaise soch wale responsible hain. Rail bihar ki bapouti nahin hai. Is par to mumbai ka raj hai, tabhi to do-do railway HQ mumbai mein le rakha hai, division offices ki to baad mein baat karenge. poore bihar ek bhi central university nahin hai, resposible kaun hai? bihar ka hissa khakar mauj kar rhe the, hum apna hissa mangne lage to pet mein dard hone laga. Gyan badhaiye aur phir updesh dijiye.............

संजय बेंगाणी said...

आपने भड़ास पर टिप्पणी करवा ही दी :)

अनामी बहस करना ही कहाँ चाहते है? अतः इनको इतना महत्त्व न दे कर इनकी टिप्प्णीयाँ हटाते रहना ही एक मात्र इलाज है.

ध्यान न दें.

संजय बेंगाणी said...

आपने भड़ास पर टिप्पणी करवा ही दी :)

अनामी बहस करना ही कहाँ चाहते है? अतः इनको इतना महत्त्व न दे कर इनकी टिप्प्णीयाँ हटाते रहना ही एक मात्र इलाज है.

ध्यान न दें.

sd said...

It does not matter who started it, what matters is that what we are achieving with these type of comments from "Netas" including Raj. We, who are lucky enough to get decent education should try and make it very clear to these "Netas" that this type of politics is not tolerated. You tried to justify Raj's actions by saying that migration from UP and Bihar is creating problem. This is migration within our own country and anybody who sees better opportunity somewhere, he has every right to be there. Lot of marathis are also living in other parts of Bharat. If Marathis do not want migration then they all should come back and lets divide this country into 27-28 pieces just like pre-mougle era and invite others to screw us like Babar did and then Brits did. Is this what you want? I hope not.

INDIAN said...

अबे हरामखोर चिपलूनकर
तुझे ज्यादा पता है कि शुरुआत किसने की.
जब तुझे कुछ पता न हो तब ज्यादा लबरियाया मत कर. अब मै तुझे असलियत बताता हूँ

अमिताभ बच्चन ने अपने लड़के की शादी मे बाल ठाकरे को तो कार्ड भेजा लेकिन इस कुत्ते राज ठाकरे को नही बुलाया. इस बात से इस कुत्ते को अपना अपमान लगा.
इसे लगा कि शिवसेना से निकलने के बाद इसकी कोई औकात नही रह गयी. बस
इसी बात से ये कुत्ता अमिताभ बच्चन से चिड़ने लगा.
और इसी चिड़न को निकालने का अच्छा मौका उसे तब मिला
जब अमिताभ बच्चन और सपा की ओर से राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने यूपी मे एक चुनावी सभा मे अपनी बहु के नाम से कालेज खोलने का ऐलान किया.

बस इस कुत्ते राज ठाकरे को अपनी चिड़न निकालने का ये सही समय लगा
और इसने अपनी चिड़न को प्रांतीय मुद्दा बनाते हुये अमिताभ बच्चन को खूब उल्टा सुल्टा कहा
और कहा कि" बच्चन रह रहा है बंबई मे और कालेज खोल रहा है यूपी मे"

इसके जबाब मे जया बच्चन ने कहा कि
"राज ठाकरे बंबई मे हमे जमीन उपलब्ध करा दे तो हम यहाँ भी कालेज बनबा दे."



क्यो कि ये कुत्ता बंबई मे कई जमीने हथियाये बैठा है

इस करारे जबाब से ये कुत्ता बौखला गया और जया बच्चन को खूब उल्टा सुल्टा कहा और कहा कि " ये गुडडी बुढढी हो गयी है"


अपनी पार्टी के नेता का इतना अपमान होने से सपा कार्यकर्ता भड़क गये और उन्होने अपनी भड़ास निकाली ये कहकर कि
"नीम का पत्ता कड़वा है
राज ठाकरे भड़वा है"

तो इसमे क्या गलत कहा.

अब बता मराठी बनमानुष चिपलूनकर.

कि शुरुआत किसने की थी
तू जानता सब है कि किसकी गलती थी लेकिन तूने जानबूझकर बीच की सारी बाते गोल कर दी.

क्यो कि तू बहुत बड़ा कमीना है और तू क्या तुम सब मराठी बहुत कमीने हो.

और सबसे बड़ी बात अगर तुझे राज ठाकरे कि चिँता जायज लगती है तो
तू क्यो मध्य प्रदेश मे रह कर भीड़ बढ़ा रहा है और अपनी मराठी गंदगी फैला रहा है
जा के मर जाके अपने महाराष्ट्र मे.
अब हिँदी प्रदेशो मे रहने वाले मराठियो के पिछवाड़ो मे लात और गरम सलाखे मार मार कर उनको भगाया जायेगा
"
अभी हाल ही मे लाखो युवा सदस्यो ने मिलकर UNS नाम की पार्टी बनायी है
जिसके सदस्य दिन प्रतिदिन बढ़ रहे है.
इस पार्टी का मेन काम ही ये है कि अब अगर किसी भी ठाकरे कुत्ते ने मुंबई मे जरा सा भी कमीना पन दिखाया.
तो तुरंत इसके लाखो सदस्य आग की तरह फैलकर एक एक मराठी को चुन चुन कर उसके पिछवाड़े पे लात और जूते मार मार कर सीधे बंबई भगायेँगे.

अब हिन्दी प्रदेशो मे मराठीयो को बर्दाश्त नही किया जायेगा.

तो मराठी बन मानुष चिपलूनकर .
अब तू भी अपना बोरिया बिस्तर बांध कर अपने देवता ठाकरे के पास बंबई जाने की तैयारी कर ले.

अभी तक बहुत मजा ले रहा था .
अब पता चलेगा कि गुंडागर्दी क्या होती है