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16.2.08

नई जेनरेशन का अखबार- part 1

सर्व पत्रकार साथियों को सूचित किया जाता है कि इस लेख का किसी जीवित या मृत अखबार से कोई लेना देना नही है, अगर वर्तमान या भविष्य में किसी अखबार से इसके कुछ तथ्य मिलते हैं तो यह मात्र संयोग ही होगा।
अबरार अहमद
सीन एक
सेल्स मैन एक घर का दरवाजा खड्काता है। कोई दरवाजा खोलता है और जैसे ही सेल्स मैन कि टाई दिखती है एक तेज आवाज आती है। नही चाहिए कुछ भी। चले आते हैं सुबह-सुबह मुह उठाये। सेल्स मैन चेहरे पर दुखती हँसी लाते हुए विनती करता है।
मैडम हमारा अखबार अखबारी दुनिया का अबतक का सबसे बड़ा आफर लेकर आया है। येसा आफर किसी अख़बार के पास नही। महिला असंतुस्ट भाव से कहती है अब दरवाजा खोल दिया है तो बक डालो। सेल्स मैन खुश होकर बताता है।
मैडम हमारे अखबार कि एक साल कि बुकिग कराइये और हर महीने सारंगी होटल में आपका और आपके पूरे परिवार का खाना मुफ्त और साल maen दो बार डिस्को जाने का कूपन।
महिला चलो ठीक है पर बुकिंग कितने कि है. कुछ nahi madam bas das jodi purane kapde ya panch jodi purane magar chalne ki halat me hone vale jute aapko dene honge।
mahila boli abhi kal hi ek akhbar vala aaya tha vah to 8 jodi kapdo me hi ek ssal ki buking kar rahaa tha. 8 me dena hai to buk kar do varna rahne do. selsman chalo madam 9 kapde de do. hamara akhbar hafte me 7to din rngin magjin deta hai sath mae dhero eenam neekalta hai. mahila kahti hai nahi mai to 8 hi dungi. ab to kabadi vala bhi akhbaar nahi leta kahta hai maine khud das akhbar bandh rakha hai. usi se itna kabad ho jata hai ki apni roji riti chal jati hai.
selsman chalo madam ab aapne kasam hi kha li hai to de do 8 jodi me hi buk kar dete hain. par yah baat kisi aur se mat bataayiyega.
मेरा मकसद मजाक उडाना नही जागरूक करना है। आप सब को यह बताना है कि हम पत्रकारिता को कहाँ ले जा रहे हैं। इसे कैसे बच्या जा सकता है। फाँट कि दिकत कि वजह से कुछ अंस अंग्रेजी में लिख गए है। माफ़ कीजियेगा।

1 comment:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

अबरार भाईजान,मुंह दबा-दबा कर उल्टी क्यों कर रहे हैं । अरे उगलो मेरे ९५ बच्चों के चच्चा ...