प्रतिभा ताई से एक अपील आज भड़ास के मंच से कर रही हूं ,उम्मीद है कि वो ध्यान जरूर देंगी । हमारे शहर पनवेल के नेता शहर की तमामोतमाम परेशानियों से जनता का ध्यान हटाने के लिये कुछ भी कवायद करते रहते हैं वैसे तो पूरे मुल्क का यही हाल है । पनवेल का नाम बदल कर "बाबासाहब अम्बेडकर टर्मिनस" रखने के लिये कोशिशें करी जा रही हैं । हमारा देश हिन्दुओं के लिये भारत है, मुसलमानों के लिये हिन्दोस्तान (कुछ कट्टर किस्म के हिन्दुओं के लिये यह हिन्दुस्थान है लेकिन इससे कोई फ़र्क नही पड़ता है) और ईसाईयों के लिये इंडिया है । बस हमारा ही देश है जो इतने नाम रखता है तो मेरा सुझाव है कि नेता लोग शहरों का नाम बदलने के लिये उठापटक करते हैं कभी दलितों के लिये और कभी अल्पसंख्यकों के लिये तो क्यों न इस परेशानी से निजात पाने के लिये राष्ट्रपति जी एक काम करें कि देश की हर जात-जमात के हिसाब देश को नाम दे डालें जैसे कि अम्बेडकरलैंड ,अतिमहाराष्ट्र वगैरह-वगैरह ताकि शहरों के नाम बदलने का झंझट ही न रहे। आशा है कि सभी भड़ासी मेरे विचार से राजी होंगे ।
भड़ास जिन्दाबाद
12.2.08
भड़ासाना सुझाव
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1 comment:
मुनव्वर सुल्ताना जी, बड़ा बुरा रोग लग चुका है देश को.....ये नेता ससुरे सुधरेंगे नहीं...वोट के चक्कर में जो न कर दें....बड़ी मोटी चमड़ी है इनकी...आपने बढ़िया लिखा
यशवंत
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