चम्बल है तो बीहड़ है! हत्या, खून,प्रतिशोध, अपहरण, बीहड़ यह सब तो बोलते रहे हैं हम भी बोलेंगे लेकिन नए मायने में अन्तरकथायों के साथ! चम्बल में अमर हैं डाकू और मर रहे हैं घड़ियाल और गर्भ में बेटियाँ इस पर भी चम्बल बोलेगी! भिंड की सकरी गली में रहने वाले ऐ. असफल का उपन्यास "नमो अरिहंता" को मिल गया है बागेश्वरी अवार्ड और शायर राजेश मधुकर ठेले पर चाय बेचेंते हुए कह रहे हैं उम्दा शायरी! नेता बंदूक के लाईसेन्स मांग रहे हैं और गाँव वाले केरोसिन! भदोरिया राजायों का सतखंधा किला (अटेर) पिकनिक स्पॉट बनेगा तो पृथ्वी राज चौहान द्वारा स्थापित भिंड वन्खंदेस्वर मन्दिर पर पाँच सौ वर्षो से जल रही है अखंड ज्योति! गेंहू की वालियां .. सरसों के फूल...... पाँच नदियों के बीच बसी इस अनोखी दुनिया में ना पानी है........ न बिजली है....न रेल है.......... फिर भी मूंछ पर ताब देकर कहते हैं.............
जाके बैरी जीवित घूमे
ताके जीवन को धिक्कार
ताके जीवन को धिक्कार
.
..... राम जाने.......... चम्बल और क्या... क्या बोलेगी समय समय पर बटन दबाकर ख़ुद ही पड़ते जाइए !
देव श्रीमाली संवाददाता, (NDTV India)
2 comments:
blog kee duniya me aapka swagat hai .
Dada namashkar welcome to blog world....sabse pehle kahunga ki photo acchi lag rahi hai aapki...aur bahut khub likha hai lage raho...
HARSIMRAN SETHI
SANDHYA SAMACHAR
http://harsimransethi.blogspot.com
Post a Comment