बचपन में जब हम कोई गलती करते थे तो गाँव का कोई भी बुजुर्ग बड़े अधिकार से हमे डांट देता था फ़िर अब क्या हुआ जो इस ठाकरे के बड़बोलेपन पर सब खामोश क्यों है...आख़िर कौन समझाए गा राज को? क्या ये विश्पुरुष यूँ ही जहर उगलता रहेगा?क्या ये इसी तरह देश को तोड़ने पर उतारू rअहेगा...अरे देश के बूढे लोगो समझाओ इसे...अरेबुधिजिवियो कहाँ हो तुम???रोको इसे......इस देश को जोड़ने में सरदार पटेल को कितने साल लगे थे और ये आदमी देश तोड़ने में लगा है..... परिहार....बीकानेर...
24.10.08
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1 comment:
koi raaj ko nahi samjha sakta kyon ki jab koi diya bujhta hai to fadfadta hai yahi haal raaj ka hai!!
hum aakhir ko ud diye ko haath lagakar bujhaye!!
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