----- चुटकी-----
रोज जाए तू देवालय
वहां घंटे बजाये
मन मन के ,
ईश्वर तुझको
कैसे मिले
बंद द्वार तेरे मन के।
----गोविन्द गोयल
13.10.08
बंद द्वार तेरे मन के
Posted by गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर
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