श्रीविवेकानन्दगीतिस्तोत्रम
मूर्त महेश्वर मज्ज्वल भास्कर मिष्टममरनरवन्द्धम् ।
वन्दे वेदतनुमज्झितगर्हितकाञ्चनकामिनीबनन्धम ।1।
कोटिभानुकरदीप्तसिंहमहोकटितटकौपिनवन्तम् ।
अभीरभीहुङकारनादितदिङमुखप्रचण्डताण्डवनृत्यम ् ।2।
भुक्तिमुक्तकृपाकटाक्षप्रेक्षणमघदलविदलनदक्षम् ।
बालचन्द्रधरमिन्दुवन्द्यमिह नौमि गुरुविवेकानन्दम् ।3)
13.1.10
स्वामी विवेकानन्द की स्मृति में
Labels: विवेकानंद, विवेकानन्द, स्वामी
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1 comment:
Jai Shri Krishna,
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