मेरी रगों में हिटलर का खून है,
मुसोलिनी का मैं वंशज हूँ,
नाजी मेरा गुरू है,
रावण मेरा संरक्षक,
मैं सत्ता के शिखर पर बैठा हूँ .........
तुम अन्ना हो
बाबा हो
या अन्य कोई ताकतवर सामाजिक कार्यकर्ता
कुछ नही कर सकते
तुम मेरा
क्योंकि तुम कुछ नही हो
क्या है तुम्हारे पास ?
ये अदना सी जनता
जिसका अपना तो कोई बजूद ही नही है
जिसे हम
जब चाहे
हांक देते हैं
भेड़ बकरियों की तरह
जिसे हम लडाते रहे हैं
धर्म, जाति, भाषा और सम्प्रदाय के नाम पर
जिनको इस्तेमाल करते रहे हैं हम
चुनावों में
क्या बिगाड़ लोगे तुम मेरा ?.........
मेरे पास पुलिस है
प्रशासनिक अधिकारी मेरे तलुवे चाटते है
क़ानून को मैं ही बनाता हूँ
अपने और अपनों के फायदे के लिए
और जरूरत होने पर
मैं ही खुद बनाता हूँ
क़ानून से बच निकलने का रास्ता
और ये क़ानून
ये अधिकारी
ये पुलिस करती है
मेरे ही इशारे पर
अपनी अंतरात्मा को मार कर
एक पालतू कुते की मानिंद
करते है
मेरे आदेश का पालन
अगर कोई बाबा कोई अन्ना
करता है मेरी खिलाफत
करता है मेरे भर्ष्टाचार को उजागर
तो मैं
अपनी सारी ताकत लगा देता हूँ
उसके सफेद दामन को दाग दार करने में
और मेरा वादा है तुम सभी से
मैं पहुचाउंगा तुम्हे ही
जल्दी बहुत जल्दी
जेल की सलाखों के पीछे
या फिर
मुझ में शामिल गुंडा तत्व
बहा देंगे
सरे राह
सरे आम
तेरा लहू पानी की मानिंद
और फिर मैं खुद ही
पहुच जाउंगा
तुम्हे महान
अति महान
महान कहने के लिए
मुसोलिनी का मैं वंशज हूँ,
नाजी मेरा गुरू है,
रावण मेरा संरक्षक,
मैं सत्ता के शिखर पर बैठा हूँ .........
तुम अन्ना हो
बाबा हो
या अन्य कोई ताकतवर सामाजिक कार्यकर्ता
कुछ नही कर सकते
तुम मेरा
क्योंकि तुम कुछ नही हो
क्या है तुम्हारे पास ?
ये अदना सी जनता
जिसका अपना तो कोई बजूद ही नही है
जिसे हम
जब चाहे
हांक देते हैं
भेड़ बकरियों की तरह
जिसे हम लडाते रहे हैं
धर्म, जाति, भाषा और सम्प्रदाय के नाम पर
जिनको इस्तेमाल करते रहे हैं हम
चुनावों में
क्या बिगाड़ लोगे तुम मेरा ?.........
मेरे पास पुलिस है
प्रशासनिक अधिकारी मेरे तलुवे चाटते है
क़ानून को मैं ही बनाता हूँ
अपने और अपनों के फायदे के लिए
और जरूरत होने पर
मैं ही खुद बनाता हूँ
क़ानून से बच निकलने का रास्ता
और ये क़ानून
ये अधिकारी
ये पुलिस करती है
मेरे ही इशारे पर
अपनी अंतरात्मा को मार कर
एक पालतू कुते की मानिंद
करते है
मेरे आदेश का पालन
अगर कोई बाबा कोई अन्ना
करता है मेरी खिलाफत
करता है मेरे भर्ष्टाचार को उजागर
तो मैं
अपनी सारी ताकत लगा देता हूँ
उसके सफेद दामन को दाग दार करने में
और मेरा वादा है तुम सभी से
मैं पहुचाउंगा तुम्हे ही
जल्दी बहुत जल्दी
जेल की सलाखों के पीछे
या फिर
मुझ में शामिल गुंडा तत्व
बहा देंगे
सरे राह
सरे आम
तेरा लहू पानी की मानिंद
और फिर मैं खुद ही
पहुच जाउंगा
तुम्हे महान
अति महान
महान कहने के लिए
2 comments:
बिलकुल सही कह रहे हैं आप.
श्रमजीवी महिलाओं को लेकर कानूनी जागरूकता
रहे सब्ज़ाजार,महरे आलमताब भारत वर्ष हमारा
bilkul sach.. ek syaah sach.. jise aapne bakhoobi bayaan kiya hai
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