जो भ्रष्ट व्यवस्था से टकरायेगा..वो चूर चूर हो जायेगा
जब लकड़ी का गट्ठर नहीं तोड़ पाये तो युक्ति से काम ले ,उस गट्ठर को खोले और आहिस्ता -आहिस्ता एक -एक लकड़ी तोड़ते जाये .........
यही युक्ति भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ लड़ने वालो के लिए उपयोग में लायी जा रही है ......... शाबाश देश के व्यवस्थापको . बाबा रामदेव .........बेचारा बनाने पर उतारू है . केजरीवाल .........कैसे भी फिट कर देना है, किरण बेदी ...........नक़ल उतारने का दंड . प्रशांत भूषण ...........नकली और असली ,सी डी की तरह घुमाना है .
जिसकी लाट्ठी उसकी भैंस ............... यही दस्तूर है जग में.
वो जानते हैं जनता बार -बार नहीं जागती है ...........
वो जानते हैं जनता पंगा नहीं लेगी ..............
वो जानते हैं सब कुछ उनकी मुट्ठी में है........
आइये हम चुपचाप देखने का कर्तव्य पूरा करे की अलग -अलग करके लकड़ी के गट्ठर को कैसे तोडा
जाने वाला है.........मगर चुप रहना .........नहीं तो अँधा तुम पर कौड़े बरसायेगा .
चुप......... मौन .......शांत ...............
2 comments:
आम चुनाव में ही हिसाब बराबर कर लिया जाएगा।
सरकारी बन्धुआ मिले, फ़ाइल रक्खो दाब,
किरण-केजरीवाल का, खेला करो खराब |
खेला करो खराब, बहुत उड़ते हैं दोनों --
न नेता न बाप, पटा ले जायँ करोड़ों |
कह सिब्बल समझाय, करो ऐसी मक्कारी,
नौ पीढ़ी बरबाद, डरे कर्मी-सरकारी ||
(२)
खाता बही निकाल के, देखा मिला हिसाब,
फंड में लाखों हैं जमा, लोन है लेकिन साब |
लोन है लेकिन साब, सूदखोरों सा जोड़ा,
निकले कुल नौ लाख, बचेगा नहीं भगोड़ा |
अफसर नेता चोर, सभी को एक बताता |
फँसा केजरीवाल, खुला घपलों का खाता ||
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