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14.2.08

प्रिय भडासियो



प्रिय भडासियो

मेरा प्रेम निवेदन स्वीकारिये

मेरी भास्कर में छप चुकी रचना का तनवीर जाफरी के नाम से प्रकाशन करने वाले सृजन गाथा के संपादक जी तक पहुंचाने की दया कीजिए ।इसे तनवीर भाई को भी भेजना है......... आपकी मदद भी चाहिए

आपका स्नेही गिरीश बिल्लोरे उर्फ़ भड़ास का मुन्ना भाई

3 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

गिरीष भाई, ये हुई न भड़ासियाना अंदाज में गांधीगिरी ; सच्च्च्च्च्चीईईईईईईई मजा आ गया
देखिए क्या असर होता है ?

Girish Kumar Billore said...

AAPAKAA BHEE ZABAAV NAHEEN DADA

Anonymous said...

rtdfs