Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

26.5.08

दलाल और घपलेबाज कालिया अविनाश, है तुम्हारे पास इन आरोपों का जवाब?

भाई,

अविनाश जी के बारे में हमारे पास भी दो जानकारियां हैं।

एक ये कि ये महोदय आज से करीब छह साल पहले भी दिल्ली आए थे। प्रभातखबर के संपादक हरिवंश जी के ओएसडी और स्टेनोग्राफर के तौर पर। तब उनका काम चंद्रशेखर की पचहत्तरवीं वर्षगांठ पर किताबें निकालने में मदद करनी थी। उस दौरान उन पर पैसों की हेराफेरी का आरोप लगा और प्रभात खबर से नौकरी जाती रही। हालांकि बाद में जुगाड़ से फिर नौकरी पा लिए।

जब चंद्रशेखर का काम ठप हुआ तो एक गांधीवादी बुद्धिजीवी की सिफारिश पर उन्हें पानीवाले राजेंद्र भाई के पास प्रकाशन काम का काम मिला। भैया अलवर पहुंचे और पैसे की हेराफेरी के बाद वहां से भी रफूचक्कर हो लिए। अब एनडीटीवी में सबको ब्लॉगिंग सिखाते हैं और मजे से नौकरी कर रहे हैं।

--------------------
(उपरोक्त तथ्य किसी साथी ने मुझे मेल से भेजे हैं। अगर आपके पास भी कालिया के बारे में कोई जानकारी हो तो उसे मेल करें yashwantdelhi@gmail.com पर। आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।)
-------------------

5 comments:

Anonymous said...

भाई जी,
ये आपने शेरु, टामी नाम देनी थी, कालिया क्यों दे दिया? आप से गुजारिस है कि नाम बदलने का प्लान होगा तो कोइ ईसी तरह का नाम चुनियेगा.
वैसे कालिया की जाति क्या है? ये जाति पर बहुत मजा लेता है. जरा इसकी जाति बतायेन्गे तो मुझे इन महाशय को समझने मे सहुलियत होगी.

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

भाई अनाम,मुझे कलुआ की जाति-प्रजाति तो नहीं पता पर एक बात पक्का पता है कि वो "एलियन" है और एण्ड्रोमीडा गैलेक्सी से आया है क्योंकि मैं भी वहीं से हूं और हम दोनो उस लोक में धरती के सुअर जैसे प्राणी हैं,हम दोनो को वहां से भगाया गया है मैंने तो लोक बदलने पर खुद को मानवों जैसा ढाल लिया लेकिन ये साला अभी भी गू खाना नहीं छोड़ पाया,इसी तरह लतियाए रहो तो सुधर जाएगा ऐसी उम्मीद है कम ही सही लेकिन इंसानो में बैठने लायक तो हो जाएगा....

Anonymous said...

yashwant ji, kalia jab deoghar me prabhat khabar ka sampadak tha to esne apne pad ka durupyog karte hue apni bahan ko ek school me, baap ko dusre school me aur patni ko ek ngo me rakhwa diya tha. sab jagah se paise ki kamai hoti thi. wahi rahte hue esne ranchi prabhat khabar ki ek larki se pyar ka natak kiya, jiske arop me waha se use nikala gaya, mahaj 8 mahine me. waha rahte hue apne ek sathi shyamal ke khilafd sajish bhi ki. haar mankar harivansh ne use naukari se nikal diya. deoghar me hi avinash ne apne marketing vibhag mekaam karne wali ek shadishuda larki se sex ka khel kiy.deoghar me log aise kisse khoob sunatw hain.

Anonymous said...

दादा,
ये अविनाश तो जागरण वाले ठाकुर से भी गया गुजरा है. इसकी पोल पट्टी खुलने की बाद अब सब सामने आ गया है. वैसी इस नामाकूल प्राणी ने काम तो अपने स्वाभावानुरूप ही किया है मगर सोचनीय है की इस जैसे दोजख के पिल्ले के कारण ही मेरा बिहार और हमारी पत्रकारिता आज बदनामी के बुलंदी पर है.
आवाहन हो की इस गलीज के कीडे को वापस गलीज में भेज दिया जाय. वैसे अगर एन डी टी वी में तेल लगाऊ प्राणी मौजूद हैं तो ये बदबूदार लीड अपनी दुर्गन्ध फैलाता रहेगा.
जय जय भडास

Anonymous said...

Your blog keeps getting better and better! Your older articles are not as good as newer ones you have a lot more creativity and originality now keep it up!