आज कल भड़ास पर धर्म परिवर्तन समंधी काफ़ी जानकारियां मिल रही है...लेकिन एक बात सपष्ट है की इसाई संघटन दूध के धुले नहीं है.....कुछ वर्ष पुराणी बात है ...मेरा भांजा उदैपुर के एक नामी स्कूल में पढता था....नर्सरी में......उनकी स्कूल बस को रस्ते में रोक कर कहा जाता की उस ख़राब हो गई है ....अब भगवन राम को याद करो फ़िर ड्राईवर बस स्टार्ट करने का उपकर्म करता पर ....... चलाता नहीं.....फ़िर वो कहता अब शिव जी को बोलो की बस ठीक कर दो...लेकिन फ़िर वाही बात इस तरह लास्ट में वो कहते की अब सर्व शक्तिमान यीशु से बोलो की हमे स्कूल जन है बस चलाओ और बस sतर्त्त...इस तरह बचों के कोमल मष्तिष्क में भर दिया की यीशु ही पावरफुल है बाकि सब भगवान्......हमारे काम नहीं आते....अब इसे आप क्या कहेंगे...?इसी तरह गावों में ये सेवा का ढोंग जरूर करते है लेकिन मकसद वाही रहता है....नही तो क्यूँ नही बचों को फ्री में pढाते...इनकी फीस देख कर ही अंदाजा लग जाएगा..सेवा भावना का.......अब इस हकीकत को ऐ की जरुरत है.....उनको जो उडीसा में हिन्दुओं को जिम्मेवार बता रहे है...रजनीश....
8.10.08
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3 comments:
मेरी गंदगी तेरी गंदगी से ज्यादा गंदी.
hathi ke dant khane ke or dikhane ke or
rajneer parihaar ji aapne aacha likha hai yeh ishai dharm k log hum hindon ko hamare hi dharm se door kar rahe hai.
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