जब भी चड्ढी में कुछ होता था तो वह अन्य कारण से होता था लेकिन आजकल जब से यशवंत दादा ने बताया है कि डा रूपेश श्रीवास्तव का भूत न जाने किस-किसकी चड्ढी खोलेगा और इसी लिये उन्होंने तो अभी से कस कर चड्ढी पकड़ रखा है तो मुझे भी यही खतरा सता रहा है। डा रूपेश श्रीवास्तव की मौत की सूचना पर यशवंत दादा ने जो टिप्पणी करी वह डरावनी है क्योंकि इससे बहुत पहले भी यशवंत दादा लिख चुके हैं कि डा रूपेश श्रीवास्तव उनके सपने में आ कर सिर पर डंडा लेकर खड़े रहते हैं और कहते हैं कि क्रांति करो और अब हैं कि चड्ढी संकट जैसा राष्ट्रीय खतरा पैदा कर दिया है। ये डा रूपेश श्रीवास्तव भी मर कर न जाने क्या चाहते हैं अब तो लगता है कि अगर मेरे सपने में डंडा लेकर आए तो पता नहीं क्या-क्या कहेंगे इस कारण नींद ही गायब है उनके मरने के बाद से।
ये चड्ढी का खतरा ऐसा बढ़ा है की सोचा की लोहे की बनवा लूँ, पक्का और परमानेंट मगर फ़िर याद आया की जब रुपेश चड्ढी उतरने में माहिर है तो उसका भूत दो देखते देखते लोहे वाला भी गायब ही कर देगा, अब तो यशवंत दादा के साथ मैं भी चड्ढी संकटग्रस्त हो गया हूँ, बचाओ यारों इस चड्ढी उतारू भूत से......
1 comment:
कोई किसी की चड्डी नहीं उतरेगा...आप जैसे पक्के भडासी........कहाँ... चड्डियों के फेर में पड़े है...अच्छा होता आप डाक्टर रुपेश की बात पर गौर करते....रजनीश परिहार..बीकानेर...
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