समाज सेवको अँगुली कटा के महाराणा प्रताप बनने वाले नेताओं, समाज सेवा के समाचारों की पेपर कटिंग लेकर जमाने भर को दिखाने वालो , सरकार को दिन भर गरियाने वालो ,सब कान खोल के सुन लो "आशीष ठाकुर " जबलपुर की शान है.... जो न तो पुरूस्कार न तो सम्मान और न ही सराहना के लिए काम,करते है बस अंतरात्मा की आवाज़ बेसहारा , बे जुबां , बेनाता, देहों को पांच तत्व में मिलाने "शव-दाह" की जिम्मेदारी लेते हें , ६ वर्षों से जारी ये सिलसिला अब तक रूका नहीं सरकार आप आशीष के लिए क्या सोच रहे है...मुझे नही मालूम , लेकिन मेरा मन आशीष की समाज सेवा का मुरीद हों गया है॥
एक पुलिस कर्मी का बेटा मेग्मा कम्पनी का एग्जीक्यूटिव आशीष ने १००० बेसहारा-बेनाता देहों का अन्तिम संस्कार किया लोग समझतें हैं "ये सिर्फ आशीष की ड्यूटी है ...!"
धर्म,वर्ग,भाषा,जाति,प्रांत राज नीति के नाम पे हंगामा करने वालो अब तो चेतो आशीष से सीखो सच्ची समाज सेवा.....
8.2.08
सो कॉल्ड शोशल वर्कर ज़रा :-"आशीष ठाकुर से सीखो !"
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
गिरीष भाई, आशीष और बाकी लोगों में एक समानता है हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो बेनाता लोगो का शवदाह कर्रे हैं वो भी पूरी तत्परता से बस फ़र्क इतना है कि पहले उसे शव बना लेते हैं...... इसमें उन्हें रिश्ते नातों का ध्यान नहीं रखना होता.....
बेनाता लोगो का दाह और बेनाता शवON का दाह KARNAA SACH KITANEE BAAREEKEE SE PADAA AAPANE
Post a Comment