*जबलपुर से चले महर्षि महेश योगी ने पूरी दुनिया को शिक्षा दी * सामयिक विषयों पर उनकी टिप्पणी उनकी तत्परता / त्वरितता की निशानी है।
किन्तु मेरा शहर इनको तब कितना दुलारता था मुझे कम ही मालूम है किन्तु एक बात ज़रूर जानता हूँ.... परसाई का शहर ओशो का शहर प्रेम नाथ और अब ज्ञानरंजन के अलावा आदेश श्रीवास्तव , आभास जोषी , प्राजक्ता शुक्रे आदि का जबलपुर जब तक सिद्ध न किया जाए घास भी नहीं डालता । अब उड़न तश्तरी, महेन्द्र मिश्र ,पंकज स्वामी ,विजय तिवारी,जैसे ब्लागर्स को कोई सुनने को खाली नहीं हें। कमोबेस हर शहर की यही हालत है। मुझे यहाँ की गोलबंद साहित्यकारी उर्फ़ दूकानदारी ने खूब नुकसान पहुंचाने की कोशिश की , जबलपुर की तासीर में चुगली भी रच बस सी गयी है...बावरे-फकीरा को लेकर मुझे कईयों ने हतास करने की कोशिश की उनमें एक हैं "श्री ........." जो पेशे से "........"हैं .....उनको मेरी श्रध्दांजलि ...? उस पर मैं आजिज़ आ गया हूँ "उफ़...ये चुगलखोरियाँ....!! " झूठी-सच्ची सब कह देते हैं जा देखो तब उंगली कर देते हैं क्योंकि ""जंग इश्क और अंगुली करने में सब जायज़ है...?"
7.2.08
महर्षि आपको ये जबलपुर याद कर रहा है
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3 comments:
स्वसंवाद में भाई गिरीश बिल्लोरे की त्वरित टिपण्णी " महर्षि आपको ये जबलपुर याद कर रहा है । अच्छा लगा। महर्षि जी को याद कर आपने संस्कारधानी के संस्कार जीवित रखे। महर्षि को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि ।
विजय तिवारी किसलय , जबलपुर
स्वसंवाद में भाई गिरीश बिल्लोरे की त्वरित टिपण्णी " महर्षि आपको ये जबलपुर याद कर रहा है । अच्छा लगा। महर्षि जी को याद कर आपने संस्कारधानी के संस्कार जीवित रखे। महर्षि को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि ।
विजय तिवारी किसलय , जबलपुर
महर्षि जी का कार्य उन्हें रहती दुनिया तक जीवंत बनाए रखेगा । उनके साथ ही जबलपुर का नाम भी लोगों को याद रहेगा.....
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