अरे दादा,गनीमत है कि कार्टूनिस्ट भला आदमी है वरना इस विचार पर तो वो पता नहीं क्या-क्या चूमता बना देता ,भड़ासी होता तो पता है न क्या बना देता और लोगों को डरा देता ,कोई नहीं स्वीकारता कि वो इस क्रम में है पर हैं तो सब घूम-फिर कर इसी दायरे में...........
यशवंत जी जबरदस्त कार्टून है,कार्टून क्या है जीवंत सच्चाई है,कहीं भी काम करना हो तो दडंवत होना ही पडता है। मेरे आफिस की दीवारों को इस सत्य की आवश्यकता है।
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अरे दादा,गनीमत है कि कार्टूनिस्ट भला आदमी है वरना इस विचार पर तो वो पता नहीं क्या-क्या चूमता बना देता ,भड़ासी होता तो पता है न क्या बना देता और लोगों को डरा देता ,कोई नहीं स्वीकारता कि वो इस क्रम में है पर हैं तो सब घूम-फिर कर इसी दायरे में...........
यशवंत जी जबरदस्त कार्टून है,कार्टून क्या है जीवंत सच्चाई है,कहीं भी काम करना हो तो दडंवत होना ही पडता है।
मेरे आफिस की दीवारों को इस सत्य की आवश्यकता है।
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