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14.5.08

विश्व की पहली "लैंगिक विकलांग हिन्दी ब्लागर" मनीषा नारायण को अभिव्यक्ति का मंच प्रदान किया भड़ास ने.......

भड़ास ने जिस प्रकार से तमाम आयामों में रिकार्ड रच दिये हैं वह वाकई चमत्कारिक सा जान पड़ता है। लेकिन बस इतना ही कहना है कि इसके पीछे है ईमानदार सोच का जादू। लीजिये भड़ास के नाम दर्ज हो रही अनन्यतम उपलब्धियों की श्रंखला में एक और कड़ी; ये उपलब्धि है इंसानियत के इतिहास को रच पाने की उपलब्धि। भड़ास ने कभी भी दिखावा नहीं किया और इसी मानवता के प्रति सच्चे हार्दिक प्रेम के चलते अनजाने में ये उपलब्धि हासिल हुई जो किसी और को मिलने की कल्पना भी नहीं होगी-- विश्व की पहली "लैंगिक विकलांग हिन्दी ब्लागर" मनीषा नारायण को अभिव्यक्ति का मंच प्रदान करना। मैंने कभी इस तरफ ध्यान नहीं दिया कि वास्तव में ईश्वर मेरे माध्यम से भड़ास के द्वारा क्या लीला रच रहा है, मैंने लोकल ट्रेन में ताली बजाते हुए भीख मांगने वाले हाथों को अचानक प्यार से जकड़ कर रख लिया और राखी बंधवा कर ही रहा। पढ़ी-लिखी मनीषा को करीब लाने के लिये मैंने तेलुगू भाषा सीखना शुरू किया और मनीषा से मनीषा दीदी बना लिया। इस तरह से शुरू हुआ हमारी बहन के हिन्दी सीखने का सिलसिला और इसी क्रम में मैंने उन्हें सिखाना प्रारंभ किया कंप्युटर की ए बी सी...... ब्लागिंग के बारे में बताया और मनीषा पांडेय नामक महिला पत्रकार के नाम के साथ समानता होने के कारण हुए विवाद ने दीदी को ज्यादा प्रकाश में ले आया और इस विवाद के चलते ही धीरे-धीरे मनीषा दीदी अधिक मुखर होती चली गईं। हिजड़ा जैसे कठोर शब्द के दायरे से बाहर मैंने और दी्दी ने एक नया शब्द रचा जिसने इस समाज को एक नई परिभाषा दी - "लैंगिक विकलांग"...। भड़ास से जुड़ने और हमारे यशवंत दादा और हरे भइया के प्रोत्साहन ने उन्हें प्रेरणा दी उनके ही समाज से संबंधित एक नया हिंदी ब्लाग बनाने की जिसे मैंने नाम दिया - अर्धसत्य । तीन दिन पहले मुझे दिल्ली से एक पत्रकार बहन ने फोन करा और कहा कि वे मनीषा दीदी का इंटरव्यू लेना चाहती हैं। तब मुझे पता चला कि हमारी दीदी ने तो हिंदी की पट्टी पर एक महत्त्वपूर्ण स्थान बना लिया है वह है - विश्व की सर्वप्रथम लैंगिक विकलांग हिन्दी ब्लागर होने का स्थान। आज जब वंदना बहन दीदी से फोन पर बात कर रहीं थीं तो बेसाख्ता मेरी आंखों से निकल पड़े खुशी के आंसू और मुझे लगा कि हाशिये से भी अलग-थलग अस्तित्त्व के लिये जूझ रही मेरी बहन को उसका सम्मानित स्थान भड़ास ने दिला दिया। आज वो भड़ास के संचालक मंडल में बतौर सलाहकार हैं। मैं दिल से ये चाहता हूं कि जब हम लोग भड़ासोत्सव रखें तो मनीषा दीदी का इस बात के लिये सम्मान करा जाए जिसे सारी दुनिया देखे साथ ही वो परिवार और (अ)सभ्य समाज भी देखे जिसने उन्हें किस्मत के सहारे दर-बदर ठोकरें खाने के लिये छोड़ दिया था। भड़ास की बारंबार जय हो जिस मंच ने उन्हें उनका वजूद सिद्ध करने के लिये मौका दिया और खुद के वजूद को बुद्धिजीवियों के सामने दांव पर लगा दिया और आप सब जानते हैं कि जीत हमारी ही हुई। आइये इस महत्तम मानवीय उपलब्धि के लिये हम एक बार फिर भड़ास की जयजयकार करें और दीदी का सम्मान करने की अनुशंसा करें। नीरव दादा से मनुहार है कि मनीषा दीदी के लिये कुछ ऐसा रच दीजिये कि वे जीवन भर दिल में लिये रहें प्यार से.............
जय जय भड़ास

10 comments:

यशवंत सिंह yashwant singh said...

jay ho
jay bhadas
jay manish didi
jay dr. sahab
jay hare bhayi
jay bhadasiyon
jay saathiyon
jay hindi ki
jay hindi walo ki

Anonymous said...

डॉक्टर भाई,
सच में जब आपने ये सूचना दी तो अद्भूत उत्साह से भर गया, रोम रोम ख़ुशी से पुलकित हो गया था, की अपने अस्तित्व के लिए जद्दोजहद कर रही एक मनीषा ने किस तरह अपना स्थान बनाया और आज वो हमारी सम्मानीय सलाहकार हैं. सर्वप्रथम मनीषा दीदी को सहस्र बधाई विश्व की सर्वप्रथम लैंगिक विकलांग हिन्दी ब्लागर होने का और संग ही भडास का मान बढाने का. आपके विचार से मैं शतप्रतिशत सहमत हूँ. हमारी दीदी की उपलब्धि सम्मानित होने लायक है और मैं आपके प्रस्ताव का अनुमोदन करता हूँ की भडास परिवार हमारी सलाहकार को सम्मानित करे.

जय हरे,जय यशवंत,जय रुपेश
जय हो मनीषा दीदी ki
जय जय भडास.
जय जय भडास

अबरार अहमद said...

डा साहब मनीषा दीदी को इस उपलब्धि के लिए ढेरों बधाई। उनके सम्मान के बात से मैं आपसे सहमत हूं। रही बडे भईया नीरव जी की बात तो मैं भी उनसे आग्रह करना चाहूंगा कि वह मनीषा दीदी के बारे में दो बोल जरूर लिखें।

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ said...

आदरणीया मनीषा दीदी,मुबारक हो; अब समाज की मुख्यधारा कही जाने वाली सोच आपकी ओर मुंह ताकती नजर आएगी लेकिन मुझे तो हर पल यही लगता है कि मुख्यधारा वो नहीं है जिसे बहुत से लोग कह रहे हैं बल्कि वो है जिसे हम ३०० लोग बहा रहे हैं,प्यार और जज़्बातों की गंगा धारा जो हमारे दिलों में एक दूसरे के लिये बह रही है। सच में तो दीदी की इस उपलब्धि का श्रेय आपको भी जाता है क्योंकि आपमे है वो दम कि आपने तानों और उलाहनों की परवाह नहीं करी चाहे समाज के हों या परिवार के,आपको भी सलाम...
भड़ास ज़िन्दाबाद

KAMLABHANDARI said...

manisha didi ish uplabdhi ke liye aapko dhero badhaiya .

Unknown said...

dr. sab ....aapne sachmuch bada kam kiya hai
jay rupesh, jay yashwant,jay rajnish, jay abrar, jay munnvar, jay kamla....sbki jay...
prem se boliye manisha didi ki jay

rakhshanda said...

आप इस सम्मान की पूरी तरह अधिकारी हैं. मेरी शुभकामनाएं ही नही बहुत सारी दुआएं भी आपके साथ हैं.

शशिश्रीकान्‍त अवस्‍थी said...

आज मनीषा दीदी को एक नई उपब्धि हासिल हुयी जिसके लिये वे निसन्‍देह बधाई की पात्र है लेकिन डा.रूपेश ने उनका परिचय हम सबसे कराया इसलिये वह भी बधाई के पात्र है ।

अनिल भारद्वाज, लुधियाना said...

Manisha didi Ko Lakh Badhai. Sath mein Dr. Rupesh Ka abhaar.

rajendra said...

dr. sahab, aapki uplabdhi ki jitni tareef ki jaye] kam hia. laingik viklangon ko yugon-yugon de hin najar se dekha ja jaha hai.