आतंकवादी -आतंकवादी चिल्ला चिल्ला के गला फटने को है लेकिन अभी तक ये पता चल पाया की कौन आतंकी है ?मैं अभी इलाहाबाद गया था ,पूरब के ऑक्सफोर्ड के होस्टलों मे बिजली नही थी .हमेशा की तरह ही इस बार भी पॉवर हाउस पर धरना दिया जा रहा था तभी किसी ने पीछे से पाकिस्तान जिंदाबाद की आवाज़ सुनली फिर क्या था पॉवर हाउस का तो पॉवर गया ही इन बुधिजिवियो ने आने जाने वालो का भी पॉवर निकल दिया .सड़क से आने जाने वाले से पूछ रहे थे हिंदू हो या मुसलमान जिसने बताया की वो मुस्लिम है वो सड़क पे ही मारा गया बीस -बीस लोग तमाचे जड़े जा रहे थे जिसपर शक हुआ उसके कपड़े उत्तार कर देख रहे थे की वो किस कोम का है .और माधर-- तुम लोग नही सुधरो गे डेल्ही मे भी ब्लास्ट कर दिया .मार खाने वालो की उमर बीस हो या बयालीस कहते रह गए की भाई हम आतंकी नही है .जिसने छुडाने की कोशिस की वो भी मारा गया .कुछ bएड कर रहे थे तो कुछ प्रशासनिक सेवा की तैयारी.कुछ समझ नही आया मुझे की कोन साला है आतंकी ?
1.10.08
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2 comments:
kya kahane
किसी को आतंकी बताने का ठेका देश के कुछ ठेकेदारों ने ले रखा है, और किसी को भी अलगाववाद या आतंक के नाम पर अपना उल्लू सीधा करने से कभी पीछे नही हटते.
देश के सभी कोने का यही हाल है, मगर क्या देश के लिए योगदान सिफर एक कौम विशेष ने दिया है,
आपका लेख पढ़ कर अपनेआप को झकझोर रहा हूँ.
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