भडास ब्लॉग से जुड़े सभी सदस्यों को नमस्कार.......ये नमस्कार आने की नहीं जाने की है। आज भडास से विदा ले रहे हैं. कारण कोई भी नहीं और बहुत हैं.....बस इतना कहना है कि अपने मन से आना हुआ और अब अपने ही मन से जा रहे हैं. पता नहीं कहना चाहिए या नहीं पर लग रहा है कि भडास कह कर जिस भडास को निकला जाता है वो भडास नहीं कुछ और है. अब ये न पूछिए कि क्या है यदि ये बताया तो कहा जाएगा कि हिन्दू है कुछ भी पेलने लगता है. पेलने का आलम तो ये है कि राम का नाम लो तो साम्प्रदायिक और बताया जायेगा कि नपुंसक की औलाद है। कुछ भी करो बस हिन्दू की बात न करो, कुछ भी करो बस आराध्यों की चर्चा न करो, कुछ भी करो पर आतंक की चर्चा न करो, कुछ भी करो पर फांसी की बात न करो. फांसी पर याद आया कि धनञ्जय चटर्जी का केस याद होगा कैसे लटकाया गया था फांसी पर जैसे अभी न लटकाया तो कुछ और बलात्कार कर देगा और यहाँ एक अफजल गुरु संसद पर हमले का आरोपी तुष्टिकरण के कारण मजे से जेल में मौज कर रहा है. ये सही नहीं है..........संसद पर हमले का आरोपी कोई भी होता उसे तुंरत गोली मर देनी चाहिए थी (अब ये कहा जाएगा कि आतंकी हिन्दू नहीं निकला इसी कारण ऐसा कह रहे हैं). राष्ट्रधर्म की शिक्षा देने वाले ये जान ले कि तिरंगे की शान बढे किन्तु हिंद के नागरिकों की कीमत पर नहीं, भाईचारा बढे पर किसी एक के साथ तुष्टिकरण के साथ नहीं। माफ़ करिएगा, यहाँ कहने कुछ आया था कहने कुछ और लगा. उन सबको धन्यवाद जिन्हों ने मेरी पोस्ट पर आकर उन्हें पढ़ा और अपनी टिप्पणी दी. भडास पर बहुत लिखा और बहुत टिप्पणी पाईं. धन्यवाद विशेष रूप से रूपेश जी और रजनीश जी का जिन्हों ने लगभग मेरी हर पोस्ट पर आकर अपने विचार रखे. एक अनुरोध यशवंत जी से जो शायद एक बार ही मेरी पोस्ट पर आए और वो भी एडिट की गई पोस्ट के बारे में बताने के लिए, यहाँ अनुरोध ये कि इस पोस्ट को ज्यों का त्यों छाप जाने दे (जाने वाले की अन्तिम इच्छा) वैसे भी इसमें किसी धर्म के लिए कुछ भी नहीं कहा है (अफजल गुरु को छोड़ कर, इससे कहीं सरबजीत की रिहाई पर तो असर नहीं पड़ेगा?) आप तीनों लोगों से एक अपील कि देश की दिशा इस तरह तो तय नहीं होगी कि एक को सधे, दूजे को डांटें. फ़िर भी कुछ संस्कारों का भी सवाल होता है. अपना बाप कितना भी बुरा क्यों न हो किसी दूसरे को कोई हक़ नहीं कि उसे हमारे सामने गाली दे या मार जाए (शायद आप समझ गए होंगे) और दूसरी बात कि यदि इसे हिन्दू पूर्वाग्रह न माने तो राम का सेब या किसी फल से जन्म को आज के परखनली शिशु की तरह नहीं देखा सकते? क्या भगवान् को गाली देकर किसी दूसरे धर्म को आप मजबूत कर देंगे? (परिणाम सामने दिख रहे हैं) चलिए बहुत हुआ अब नमस्कार. जा रहे हैं....... संसार से नहीं यहाँ ब्लॉग "भडास" से. वैसे मिलते रहेंगे ब्लॉग पर और यहाँ टिप्पणियों के द्बारा (पेलने की आदत है आसानी से छूटेगी नहीं) नमस्कार. (जय श्री राम नहीं कह सकते?)
11.10.08
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12 comments:
दोस्त आपका यूँ चले जाना ठीक नहीं इस मंच का वहिष्कार करना अपनी हार है मुझे लगता है हम सब मिल कर एक नये बलॉग का निर्माण करें जो सबके लिये समान रूप से खुली हो तो आइये आप सबका स्वागत है। sakhajee.blogspot.com पर जहां आपको है वो स्वतंत्रता जो देगी सबको एक आज़ाद आवाज़। जय हिन्द।।।।।।।।।
mai aapko janta to nahi lekin vastav me aapke vichar padh ker aapse ek ajeb sa apnapan mahsush ho reha hai mai to yehi kahuga ki ish tarah ye manch chod ker jana theek nahi aap ek or kam kar sacte hai vo ye ki yahah par aap apni post ka keval kuch hissa dal de or baki ke liye apne alag blog ka link dal de jaha aap apni bat khul kar likh sacte hai
is tarah aap is manch ka pura upyog bhi kar poayege or apni bate bhi khul kar kahpayege .
Aapka anjan dost
Raja Sangwan
http://lofer.blogsmine.com
अच्छा है की आपने भडास को छोड दिया यहां कुछ लोग अपनी बपौती मान कर चल रहे थे।मुझे आज भी घृणा होती है उस ब्यक्ति के लेख से जब उसने लिखा था की हमे पत्रकारो से किसी तरह की मदद नही चाहिए क्योकी इनका चरित्र हम अच्छी तरह जानते है। यह वाकया तब का है जब भडास के तरफ़ से दिल्ली के किसी सज्जन के लिए मदद की अपील की गई थी और मैने कुछ बाहैसियत भेटं की इच्छा जाहिर की थी।हालाकिं बाद मे रुपेश श्रीवास्तव भाई के प्रत्युत्तर के बाद वह तुच्छ भेटं उनके बैक एकाउंट मे ट्रासंफ़र किया था।
जिस सम्बन्ध को निभाया न जा सके उसको ढोने से अच्छा है कि उसे छोड़ दिया जाए. आपकी बात अपनी जगह सही है कि ब्लॉग पर लिंक छोड़ देनी चाहिए और बाकि बात किसी दूसरे ब्लॉग पर लिख देते. ये तो वही बात हो जाती कि कहीं हमारा कोई मित्र भले ही वह हिन्दू हो या मुसलमान उससे जय श्री राम न करके सलाम या दूसरा संबोधन करने लगते हैं. हर एक को अपने धर्म पर नाज होना चाहिए चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान. ब्लॉग पर तो आते ही रहेंगे टिप्पणी के सहारे ही, पर अब खुल के कह सकते हैं जय श्री राम.
good good good or best, lekin playan mat karo.raqjnish jee ki chhati par mung dalo. usko pata chale kee koun napunsak hai. govind goyal sriganganagar
भारत मे तुष्टीकरण की राजनिति तो बहुत पहले से ही की जाती रही है....पर अफसोस इस बात का है कि अब हमारे ही लोग ऐसा करने लगे है...
मुस्लिमो को संतुष्ट करने के लिए अब ये किसी भी हद तक जा सकते है...
और ये तो हमारे मिया भाई भी जानते है...
ऐसा बोलने वाले सब कांग्रेसी है और ये सब कांग्रेस के आजीवन प्रचारक है....फर्जी...
आप तो मस्त लिखते रहो हम आपके साथ है...और आपका अन्तिम लेख सब पर भारी है क्योंकी आपके विरोध मे जो लम्बा चौडा लेख लिखा गया है ऊससे साफ समझ मे आता है कि ये लोग कितने कुन्ठित है...
आपका भाई....नवीन सिंह...
भारत मे तुष्टीकरण की राजनिति तो बहुत पहले से ही की जाती रही है....पर अफसोस इस बात का है कि अब हमारे ही लोग ऐसा करने लगे है...
मुस्लिमो को संतुष्ट करने के लिए अब ये किसी भी हद तक जा सकते है...
और ये तो हमारे मिया भाई भी जानते है...
ऐसा बोलने वाले सब कांग्रेसी है और ये सब कांग्रेस के आजीवन प्रचारक है....फर्जी...
आप तो मस्त लिखते रहो हम आपके साथ है...और आपका अन्तिम लेख सब पर भारी है क्योंकी आपके विरोध मे जो लम्बा चौडा लेख लिखा गया है ऊससे साफ समझ मे आता है कि ये लोग कितने कुन्ठित है...
आपका भाई....नवीन सिंह...
आप के विचारों से मैं हमेशा सहमत रहा हूँ लेकिनप्लीज छोड़ कर न जाइये...आज तीन महीनो में पहली बार भाई यशवंत जी को सफाई... देते देखा है....ये ही अपनी जीत हुई....प्रयास ऐसा ही होना चाहिए जिससे हलचल मच जाए....और भडास में वो हलचल मैं देख रहा हूँ....अपनी बात सही तरीके से रखते रहिये.....उन्हें सुनना ही होगा...रजनीश परिहार.....
dr. kumarendra singh sir mein aapko vese to janta nahi hoon lakin aapki 1 pehel jo aapne mera or bhai dherendra ka saath dekar nibhai usse mein aapka bahut bada fan ho gaya hoon. aapne shri ram k un aadarshon par chalkar dikhaya jin par rajneesh chalna bhool gaye Jaan jaye par Vachan na Jaye aapne is niyam par pooritarah amal kiya uske liye shukriya.
Hradesh Agrawal
dr. kumarendra singh sir mein aapko vese to janta nahi hoon lakin aapki 1 pehel jo aapne mera or bhai dherendra ka saath dekar nibhai usse mein aapka bahut bada fan ho gaya hoon. aapne shri ram k un aadarshon par chalkar dikhaya jin par rajneesh chalna bhool gaye Jaan jaye par Vachan na Jaye aapne is niyam par pooritarah amal kiya uske liye shukriya.
Hradesh Agrawal
adarneeya dr.sengar ji sapream namaskar.apne bhadas chhoda kr rajneesh aur unke jaiso ko bata diya hai ki satya akela nahi hai.apko mai jitana samajh saka hoo aap nihayat hi swabhimaani insan hai.khair ap mujhse mere mobile no pr sampark kr sakte hai-9990790610 hai-apka dhirendra pratap singh
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