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1.9.11

लो बिक गयी आदर्श कोतवाली बाराबंकी ?



परित्राय च साधुनाम विनाशाय च दुशक्रताम का जाप करने वाले अपना बोर्ड भी वोडाफोन वालों के हाथ बेच डाला
क्या पुलिस का भी बाजारीकरण हो गया है या ये भी कोई साजिश है बेचारे ईमानदार पुलिस वालों को बदनाम करने की खैर जो भी हो वो आप लोग ही बता पाओगे ।

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