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15.2.08

भड़़ासियों को फेमिली डाक्टर मिला...जय आयुषवेद

जम के पियो, डाक्टर अपने घर में है

भड़ासियों के लिए एक अच्छी खबर। उन्हें अब अपने व अपने परिवार के सेहत की चिंता फिकिर नहीं करनी चाहिए क्योंकि उन्हें उनका फेमिली डाक्टर मिल गया है। जी, ये फेमिली डाक्टर कोई और नहीं, अपने डाग्डर साहब हैं। डा. रूपेश श्रीवास्तव। अपना डाक्टर अव्वल दर्जे का भड़ासी है, यकीन न हो तो उनकी कल की पोस्ट पढ़ लीजिए जिसमें अपना डाक्टर कहता है कि उन्हें पीने वाले बहुत पसंद है। जब डाक्टर यह कह रहा है तो फिर क्या, पिये जाओ, लीवर वीवर की टेंशन छोड़ के। क्योंकि डाक्टर साहब ने भड़ासियों के लिए शाही दवाखाना खोल दिया है।

मुनव्वर सुल्ताना, जो की मुंबई की हैं, भड़ासी भी हैं, को आप पढ़ ही चुके हैं कि किस तरह डाग्डर साहब ने बड़े से बड़े रोग बिना पैसा लिए और बिना कोई गोली खिलाए ठीक कर दिया, सिर्फ अपने भारतीय आयुर्वेद के बल पर। डाग्डर साहब अपनी इस खूबी का कतई प्रचार नहीं करते। वैसे इस क्या, किसी खूबी का वो प्रचार नहीं करते, और न चाहते। मैंने उनसे रिक्वेस्ट किया था, डाग्डर साहब, एक ऐसा ब्लाग बनाओ जो सिर्फ आपके आयुर्वेद पर हो और वो डाक्टरी का ब्लाग भड़ासियों के लिए नर्सिंग होम की तरह हो। और उन्होंने कई दिनों की मेहनत के बाद भड़ासियों के लिए दवाखाना खोल ही दिया।

अब किसी भी भड़ासी को जुकाम हो जाए, दारू पीने से लीवर खराब हो रहा हो, पेट ज्यादा निकल रहा हो, बीपी हाई रहता हो, लिंग में किसी तरह की कोई दिक्कत हो, सांस उपर नीचे हो रही हो, कमर में दर्द रहता हो....तो वो शाही दवाखाने पे आएं। अपने भड़ास के डाक्टर की इस शाही क्लिनिक पर पहुंच जाएं। वहां अपना मर्ज विस्तार से बताए। नाम गुप्त रखना चाहे तो नाम गुप्त रखा जाएगा। और देखिए, ब्लाग पर डाक्टर साहब प्रिसक्रिप्शन लिख देंगे। बताएंग कि कौन सा फूल किस पत्ती के साथ मिलाकर बूक व पीस दें और उसे बकरी के दूध के साथ घोलकर पी जाएं। इसी तरह वो विस्तार से बतायेंगे कि आप किस रोग के लिए किस तरह की घास चरें, किस बीमारी के लिए गो मूत्र का सेवन करें.....मेरी बातें मजाक लग रही होंगी लेकिन का करें, ससुरी सीरियस बात भी मजाक में कहने की आदत है, या मजाक को भी सीरियसली पेश करने की आदत है, और इसी का नाम ज़िंदगी है, हंसते हुए जियो, मस्ती में जियो....देखो, पहले तो किसी डाक्टर की जरूरत ही नहीं पड़ेगी, दूसरे खुदा न खास्ता पड़ ही जाये तो अपने डाक्टर साहब का दवाखाना ज़िंदाबाद।

तो इतना लंबा भाषण पेलने के बाद आपको बता ही देते हैं, डाक्टर साहब की क्लीनिक, दवाखाना, नर्सिंग होम का पता, जहां वो दिन में दो बार बैठते हैं, सुबह और शाम। हालांकि मर्ज आप वहां पहुंच कर कभी भी बता सकते हैं, उनकी मेल आईडी पर।

तो नोट कीजिए, डाग्डर साहब के दवाखाने का नाम
आयुषवेद
अब आप कहेंगे कि नाम तो बता दिया, पता भी बताओ तो भइया आप नाम को उंगली करो, चूहे से कटवाओ, वो खुद ब खुद भागा भागा डाक्टर साहब के दवाखाने पे ले जायेगा, बिना किराया लिये.....।

डाक्टर साहब ने एक गलती कर दी है, अपने दवाखाने में यह कहीं नहीं लिखा है कि मरीज उनसे संपर्क कैसे कर सकते हैं? वो अपना मेल आईडी देना भूल गए हैं। उनसे उम्मीद करूंगा कि वो इसे जल्द ठीक कर लेंगे, लेकिन उनके ठीक करने के पहले ही मैं सभी बीमारों, सभी होशियारों, सभी बेचारों, सभी बेकरारों, सभी भड़ासियों को डाग्डर साहब की मेल आईडी बता देना चाहूंगा ताकि डाक्टर साहब इससे खुश होकर मेरा लीवर खराब होने पर मेरा इलाज करने मुंबई से खुद ब खुद दिल्ली चले आवे.....हा हा हा हा
डाक्टर साहब की मेल आईडी है....
rudrakshanathshrivastava7@gmail.com
(इसमें इतने लेटर माने अक्षर हैं कि लिखते लिखते कलम हांफने लगेगी)

तो साथियों, डाक्टर साहब का ब्लाग देखें, अपनी टिप्पणी वहां लिखें और आप या आपके परिजनों को कोई समस्या हो तो डाक्टर साहब को मेल करें। फ्री में बढ़िया वाला, बिना साइड इफेक्ट वाला इलाज करेंगे....।
जय भड़ास
यशवंत

3 comments:

Ashish Maharishi said...

शुक्रिया डॉक्‍टर साहब से मिलवाने के लिए

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

आओ भाई लोग(अरे भैन लोग आप भी आओ न) और ये जो साले तथाकथित स्पेश्लिस्ट होते हैं इनकी दुकानें बंद करने का जतन करते हैं । स्वास्थ्य का मामला अत्यंत गम्भीर है और बहुराष्ट्रीय कंपनियां तो वैसे भी देश को मेडिकल टैक्नोलाजी का डंपिंग यार्ड बनाए हुए हैं ,हम सब को मिल कर इनका बैंड बजाना है

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ said...

यशवंत भाई ,कम से कम ये जनाब आपकी बात तो मानते हैं क्योंकि ये बात तो मैं भी उनसे कह कर थक गयी थी । अब खुशी है कि एक सच्चे दिल का नौन-प्रोफेशनल डाक्टर मिल गया हम सबको ।